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3.6 लाख देने के बावजूद BSP नेता को नहीं मिला टिकट, आत्मदाह की कोशिश

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गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिला पंचायत का टिकट न मिलने से हताश एक बसपा नेता ने डीएम कार्यालय के सामने आत्महत्या का प्रयास किया गया। पुलिस ने उसे पहले बचाया, फिर गिरफ्तार कर लिया। हताश नेता का आरोप है कि पार्टी नेताओं ने उससे 3 लाख 60 हजार रुपये लेने के बावजूद टिकट नहीं दिया।

मरदह थाना क्षेत्र के लहुरापुर गांव के पूर्व प्रधान अम्बिका राम बसपा में विगत पच्चीस वर्षों से सक्रिय कार्यकर्ता हैं। उनका दावा है कि उन्होंने पार्टी के लिए तन, मन और धन से कार्य किया। साथ ही पार्टी प्रमुख मायावती की लिखी किताब ‘मेरे संघर्षमय जीवन एवं बहुजन मूवमेंट का सफरनामा’ समेत कई महंगी किताबें उन्होंने अपनी जमीन बेचकर खरीदी।

अम्बिका राम का आरोप है कि पार्टी नेताओं ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर उनसे 12 लाख 60 हजार रुपये ऐंठ लिए, मगर टिकट किसी और को पकड़ा दिया। इस बार पंचायत चुनाव में भी पार्टी नेताओं ने जिला पंचायत के टिकट के नाम पर उससे 3 लाख 60 हजार रुपये ले लिए, लेकिन टिकट नहीं दिया।

थाना ले जाए जाते समय राम ने कहा, “टिकट के लिए मैंने अपनी सारी जमीन-जायजाद बेच डाली, फिर भी सिवा तिरस्कार के कुछ नहीं मिला। दुखी होकर मैंने डीएम के दफ्तर के सामने मायावती की किताबें सीने पर रखकर मिट्टी तेल उड़ेलकर आत्मदाह का प्रयास किया, मगर पुलिस ने वह भी नहीं होने दिया। पता नहीं, थाने ले जाकर ये लोग मेरे साथ क्या करेंगे।”

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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