उत्तराखंड
बागी विधायकों की सुरक्षा में तैनात गनर वापस लिए
देहरादून। सरकार ने गत मार्च में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस से बगावत करने वाले पूर्व विधायकों की सुरक्षा में तैनात गनर वापस ले लिए हैं। फ्लोर टेस्ट के समय कांग्रेस छोड़ भाजपा का साथ देने वाली पूर्व विधायक रेखा आर्य को 10 प्रतिशत निजी व्यय पर एक गनर की सुरक्षा प्रदान की गई है।
राष्ट्रपति शासन के दौरान सभी विधायकों को दिए गए अतिरिक्त गनर की सुविधा वापस ले ली गयी है। केवल पूर्व विधायक भीमलाल आर्य, यशपाल आर्य, मयूख महर व बिशन सिंह चुफाल को दो-दो गनर की सुरक्षा दी जाएगी, शेष सभी वर्तमान विधायकों को केवल एक-एक गनर की सुविधा दी जायेगी।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में बीते मार्च माह में बजट सत्र के दौरान सियासी घामासान हुआ था। तब कांग्रेस के नौ विधायकों ने सरकार से बगावत कर दी थी। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने के बाद प्रदेश में सियासी अस्थिरता को देखते हुए केन्द्र ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
इस दौरान कांग्रेस व भाजपा की ओर से विधायकों की खरीद-फरोख्त व धमकी आदि के मामले में राज्यपाल से शिकायत की गई थी। इसके बाद प्रदेश के सभी विधायकों को पूर्व में स्वीकृत एक गनर के साथ ही एक अतिरिक्त गनर की सुविधा दी गई थी।
अब जबकि प्रदेश में राजनीतिक संकट नहीं है, लिहाजा अन्य विधायकों से अतिरिक्त गनर हटाया जा सकता है। इस रिपोर्ट पर शासन ने कांग्रेस के बागी व पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, डा. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, उमेश शर्मा काऊ, कुंवर प्रणव चैंपियन, अमृता रावत, शैलेन्द्र मोहन सिंघल, प्रदीप बत्रा व शैलारानी रावत को दी गई दो-दो गनर की सुविधा वापिस ले ली है।
प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पंवार ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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