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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में 2 आतंकवादियों की फांसी पर रोक

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के सिंध उच्च न्यायालय ने कानूनी प्रक्रियाओं के उल्लंघन के मद्देनजर, दो आतंकवादियों की फांसी पर सोमवार को रोक लगा दी। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की रपट के मुताबिक, मुहम्मद आजम तथा अताउल्ला उर्फ अब्दुल्ला के परिजनों ने अदालत से उनकी डेथ वारंट को निलंबित करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद न्यायालय ने यह कदम उठाया। दोनों एक प्रतिबंधित संगठन के सदस्य हैं।

याचिका की सुनवाई न्यायाधीश मुहम्मद अली मजहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। सुनवाई के दौरान सिंध के महाधिवक्ता तथा जेल अधीक्षक उपस्थित रहे। न्यायाधीश अली ने सिंध जेल अधीक्षक से कहा कि वह मौत की सजा से संबंधित कानूनों से भलिभांति अवगत हैं, जिसके मुताबिक डेथ वारंट निकलने के सात दिनों बाद सजा देनी होती है। इस मामले में डेथ वारंट 18 दिसंबर को जारी कियी गया, फिर सजा के लिए 26 दिसंबर की जगह 23 दिसंबर की तारीख कैसे तय की गई।

न्यायाधीश अली ने कहा कि सरकार कानून का मखौल बना रही है। उसे कानून का पालन करना चाहिए। परिवारों के वकील ने तर्क दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्समीक्षा याचिका दाखिल की गई है, इसके बावजूद मौत की सजा पर दलील को खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा था कि डेथ वारंट जारी करके आतंकवाद रोधी न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका की अनदेखी की है।

याचिका के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुनर्समीक्षा याचिका पर फैसला लेने तक डेथ वारंट को निलंबित करने की अपील की गई थी। न्यायालय ने कहा है कि कानून के मुताबिक, कैदियों के ताजा डेथ वारंट जारी करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि पेशावर के एक सैनिक स्कूल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के हमले के बाद सजा-ए-मौत पर लगी पाबंदी को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हटा दिया था। इस बर्बर हमले में 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकांश बच्चे थे। इस घटना के बाद अब तक छह आतंकवादियों को फांसी दी जा चुकी है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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