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लाइफ स्टाइल

गलत निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार तनाव, चिंता

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गलत निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार तनाव, चिंता

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गलत निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार तनाव, चिंता

न्यूयार्क| व्यक्ति को शांत मन से ही कोई बड़ा निर्णय लेना चाहिए, यह बात हर कोई जानता है। इसके कारण से हालांकि अधिकांश लोग अपरिचित होंगे। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे के तथ्य का पता लगाया है। उनका कहना है कि चिंताएं व्यक्ति को गलत फैसले लेने पर मजबूर करती हैं।

शोध के निष्कर्षो के अनुसार, चिंताएं मस्तिष्क की उन गतिविधियों को बाधित करती हैं, जो निर्णय लेने से संबंधित हैं।

इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने चूहों पर शोध किया। पीएफसी में न्यूरॉन्स की गतिविधियां मापने के लिए चिंताग्रस्त चूहों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया गया।

निष्कर्षो के अनुसार, चिंताएं मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (पीएफसी) हिस्से को प्रभावित करती है, जो विनम्र निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्टसबर्ग से इस अध्ययन की मुख्य लेखिका बीटा मोगहैडम ने बताया, “चिंताएं तीव्रता के साथ निर्णय लेने वाली गतिविधियों को प्रभावित करती हैं।”

यह शोध पत्रिका ‘न्यूरोसाइंस’ में प्रकाशित हुआ है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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