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बिजनेस

होली पर ‘मेड इन चाइना’ से ‘मेड इन इंडिया’ को नुकसान

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होली पर 'मेड इन चाइना' से 'मेड इन इंडिया' को नुकसान

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होली पर 'मेड इन चाइना' से 'मेड इन इंडिया' को नुकसान

लखनऊ| चीन से कम-से-कम 55 फीसदी सस्ते आयात के कारण देश में होली के रंग, पिचकारी, बैलून और अन्य उत्पादन बनाने वाले कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है। यह बात एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) द्वारा कराए गए एक अध्ययन में कही गई। एसोचैम के सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में कहा गया है, “मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिशों के बाद भी चीन के फैंसी होली खिलौने और रंगों ने स्थानीय छोटे विनिर्माताओं के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।”

सर्वेक्षण के मुताबिक देशी निर्माताओं के उत्पादों की महज 25 फीसदी बिक्री ही हो पा रही है। इस सर्वेक्षण में देश भर के 250 विनिर्माताओं, विक्रेताओं, आपूर्तिकर्ताओं और व्यापारियों से पूछताछ की गई।

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने मंगलवार को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “चीन के रंग और गुलालों और स्थानीय निर्माताओं के उत्पादों के मूल्यों में 55 फीसदी से अधिक का अंतर है।”

सर्वेक्षकों से लोगों ने कहा कि जहरीली सामग्रियों से बने होने के बाद भी मेड इन चाइना उत्पादों को लोग पसंद कर रहे हैं, क्योंकि वे स्थानीय उत्पादों से सस्ते हैं।

कई स्थानीय कारोबारियों ने बताया कि वे सिर्फ हर्बल रंग और गुलाल ही बेचते हैं, जिससे त्वचा को नुकसान नहीं होता है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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