उत्तराखंड
उत्तराखंड में आनलाइन शापिंग पर टैक्स की मार
देहरादून। उत्तराखंड में आनलाइन शापिंग करना अब महंगा होगा। प्रदेश सरकार ने हाल में एक विधेयक पारित कर आनलाइन शापिंग पर टैक्स लगाने की व्यवस्था की थी। इस विधेयक का राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। इस संबंध में अध्यादेश जारी कर दिया गया है। इस टैक्स के लागू होने से राज्य को लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है। बजट सत्र के दौरान 16 मार्च को उत्तराखंड में मॉल के स्थानीय क्षेत्रों में प्रवेश कर (2008) के संशोधन विधेयक के अंतर्गत पारित किए गए विधेयक के तहत ऑनलाइन शॉपिंग पर टैक्स की व्यवस्था की गई थी। मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। ऑनलाइन शॉपिंग पर करीब दस प्रतिशत टैक्स का प्रावधान पूर्व में हरीश रावत ने कैबिनेट फैसले के जरिये किया था। इसके लिए नियमावली भी तैयार की गई थी। नौ मार्च से शुरू हुए बजट सत्र में उस समय हरीश रावत की सरकार ने इसे सदन के पटल पर भी रखा था। 16 मार्च को यह विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गया था।
अब राजभवन की मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। ऑनलाइन शॉपिंग पर टैक्स लगाने के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार ने किसी नए टैक्स को लाने की बजाय प्रवेश कर में ही ई-कॉमर्स पर टैक्स की व्यवस्था की थी। इसके तहत ट्रांसपोर्टर, कुरियर, एजेंट आदि के जरिये राज्य के बाहर से या देश के बाहर से राज्य में आने वाले माल पर स्थानीय कर का प्रावधान किया गया था। इसके लिए दस प्रतिशत कर की दर रखी गई थी। वाणिज्य कर विभाग का अनुमान है कि ऑनलाइन कारोबार से करीब 200 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया जा सकता है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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