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प्रादेशिक

वृंदावन के बच्चे बनाएंगे मास्टर प्लान

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वृंदावन| वृंदावन के बच्चे यहां एक कार्यशाला में शहर के लिए एक विशेष मास्टर प्लान बनाएंगे, जिसे राज्य सरकार से लागू करने का अनुरोध किया जाएगा।

एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) फ्रेंड्स ऑफ वृंदावन के संयोजक जगन्नाथ पोद्दार ने आईएएनएस से कहा, “हम प्रथा बदलना चाहते हैं। अब तक नौकरशाह और नेता अपने विचार हम पर थोपते रहे हैं। अब समय आ गया है कि लोग खुद अपने भविष्य के लिए योजना बनाएं।”

पोद्दार ने कहा, “हाल के वर्षो में वृंदावन की पारिस्थितिकी, संस्कृति और विरासत का काफी तेजी से क्षरण हुआ है। हम चुपचाप अपने शहर के क्षरण को देखते नहीं रह सकते।”

बच्चों द्वारा तैयार किया जाने वाला मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा जाएगा।

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता मधु मंगल शुक्ला ने आईएएनएस से कहा, “श्रीकृष्ण को बच्चों से काफी लगाव था। बच्चों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए।”

कार्यशाला धौरेरा के वृंदावन पब्लिक स्कूल में आयोजित किया जाएगा। इसमें संविद गुरुकुलम, भक्तिवेदांत गुरुकुलम और इंटरनेशनल स्कूल और वृंदावन पब्लिक स्कूल बच्चे हिस्सा लेंगे।

राज्य सरकार वृंदावन को मथुरा में मिलाकर स्थानीय निकाय को नगर निगम बनाना चाहती है। इससे श्रीकृष्ण भक्ति की वृंदावन विरासत के सामने खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय लोग सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।

वृंदावन विरासत के मुखर समर्थक आचार्य श्रीवत्स स्वामी ने आईएएनएस से कहा, “विलय एक संवेदनशील मुद्दा है और वृंदावन के लोग हड़बड़ी में उठाए जा रहे इस कदम का विरोध कर रहे हैं”

उन्होंने कहा, “यमुना और उसके ऐतिहासिक घाट की स्थित मृतप्राय हो चुकी है। घने जंगल लुप्त हो चुके हैं और पुरानी हवेली और मंदिरों का अस्तित्व खतरे में है।”

शुक्ला ने कहा, “अब मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने नदी के बीचोबीच एक पुल का निर्माण शुरू किया है। यह पुल नदी पार करने के लिए नहीं, बल्कि नदी के समानांतर है। सौभाग्य से न्यायिक हस्तक्षेप से इसका निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है। लेकिन कब तक?”

शहर में एक सबसे ऊंचे श्रीकृष्ण मंदिर, आलीशान बंगले, हेलीपैड व विशाल पार्किं ग स्थल बनाए जाने की योजना है।

डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट वृंदावनटुडे डॉट ऑर्ग के संपादक और श्रीकृष्ण भक्त जगदानंद दास ने आईएएनएस से कहा, “लेकिन क्या इन सब चीजों से इस आध्यात्मिक नगरी के माहौल में फिर से वही खुशियां वापस आ पाएंगी? क्या ये इस भूमि की विशिष्ट विरासत की रक्षा कर पाएंगे और चारो ओर व्याप्त बदबू को दूर कर पाएंगे? ये ऐसे सवाल हैं, जो योजनाकारों को खुद से पूछना चाहिए।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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