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उत्तराखंड

एचएन बहुगुणा राजकीय संग्रहालय का निर्माणकार्य अंतिम चरण में

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एचएन बहुगुणा राजकीय संग्रहालय का निर्माणकार्य, गढ़वाल का चंदन - हेमवती नंदन, पैतृक आवास को राजकीय संग्रहालय बनाने की घोषणा

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एचएन बहुगुणा राजकीय संग्रहालय का निर्माणकार्य, गढ़वाल का चंदन - हेमवती नंदन, पैतृक आवास को राजकीय संग्रहालय बनाने की घोषणा

श्रीनगर (गढ़वाल)। श्रीनगर से 17 किलोमीटर दूर स्थित और पलायन का दंश झेलने के कारण अमूमन वीरान से रहने वाले बुघाणी गांव की पहचान स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के नाम से जानी जाती है। अविभाज्य उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री रहे हिमपुत्र स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के श्रीनगर गढ़वाल के निकट बुघाणी गांव में स्थित उनके पैतृक आवास को राजकीय संग्रहालय बनाने का कार्य अब अंतिम चरण में है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनाव में नाकों चने चबवाने वाले कद्दावर राजनीतिक शख्शियत स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के जीवन को नजदीक से देखने का आम जनता को अब अवसर मिल सकेगा। गढ़वाल का चंदन – हेमवती नंदन और हिमपुत्र जैसे नामों से प्रसिद्ध स्वर्गीय बहुगुणा छोटे से गांव बुघाणी में पैदा होने के बाद राजनीति के जिस शीर्ष पर पहुंचे उसने आगे बढ़ने के लिए हर किसी को प्रेरित किया। हालांकि उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड में स्वयं उनके पुत्र विजय बहुगुणा अपने पिता के नक्शेकदम पर चलकर राज्य के मुख्यमंत्री बने।

यही कारण है राजनीति और जनहित में किये गए उनके कार्यों के साथ उनके जीवन की बारीकियों से हर किसी को परिचय कराने के उद्देश्य से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने उनके पैतृक आवास को राजकीय संग्रहालय बनाने की घोषणा की थी। 9 वर्षों के इंतजार के बाद आखिरकार अब संग्रहालय का कार्य पूर्ण होने जा रहा है। एचएन बहुगुणा के पुत्र विजय बहुगुणा के राज्य के मुख्यमंत्री बनने के बाद संग्रहालय निर्माण में तब तेजी आयी थी जब सीएम रहते हुए वे बुघाणी आए थे। 2 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से बनाये जा रहे हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय संग्रहालय में स्वर्गीय बहुगुणा के लिखे गए पत्र, उनके वस्त्र और घरेलू सामान भी प्रदर्शित किया जाएगा।

स्व. बहुगुणा के घर से मिली 900 वस्तुओं में से 700 को संरक्षित किया गया है। संग्रहालय निर्माण के तीन चरणों में पहले दस्तावेजीकरण, संरक्षण और अब संग्रहालय को अंतिम रूप दिया जा रहा है. संस्कृति विभाग और पुरातत्व विभाग की देखरेख में लोकनिर्माण विभाग संग्रहालय का निर्माण कर रहा है। संग्रहालय निर्माण का कार्य देख रहे लोक निर्माण विभाग श्रीनगर के अधिशासी अभियंता सुरेश तोमर का कहना है कि संग्रहालय का निर्माणकार्य लगभग पूरा हो चुका है। उनका कहना है कि मई में संग्रहालय को संस्कृति विभाग को पूरी तरह सौंप दिया जाएगा।

नक्काशीदार और पुराने दौर की निर्माण शैली पर बने बहुगुणा के पैतृक आवास पर संग्रहालय निर्माण के दौरान ज्यादा छेड़छाड़ न करते हुए उसके मूल स्वरूप में ही रखा गया है, तो उनके आवास के आंगन से दिखते प्राकृतिक नजारे हर किसी को आकर्षित करते हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय संग्रहालय का विधिवत लोकार्पण वैसे तो स्वर्गीय एचएन बहुगुणा की 97वीं जयंती पर होना था लेकिन प्रदेश की राजनीतिक उठापठक के चलते ऐसा नहीं हो सका। बहरहाल देर से ही सही संग्रहालय बनने के बाद जहां लोग हेमवती नंदन बहुगुणा के जीवन को नजदीक से जान सकेंगे, वहीं बुघाणी गांव भी पर्यटन मानचित्र पर आ सकेगा।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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