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उत्तराखंड

चारों ओर धुंआ ही धुंआ, चार धाम यात्रा पर पड़ सकता है असर

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उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग, चारों ओर धुंआ ही धुंआ, चार धाम यात्रा पर पड़ सकता है असर, एनडीआरएफ की टीम जुटी आग बुझाने में, आग से आवासीय भवनों को खतरा

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उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग, चारों ओर धुंआ ही धुंआ, चार धाम यात्रा पर पड़ सकता है असर, एनडीआरएफ की टीम जुटी आग बुझाने में, आग से आवासीय भवनों को खतराएनडीआरएफ की टीम जुटी आग बुझाने में

गोपेश्वर। उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग से करोड़ों की वन संपदा का तो नुकसान हो ही रहा है वरन अब इसका सीधा असर चार धाम यात्रा पर भी पड़ सकता है। हालांकि शासन प्रशासन द्वारा चार धाम यात्रा से पूर्व जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए तमाम प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों को भी तैनात किया गया है। जंगलों में लगी भीषण आग का संदेश पूरे देश में जा रहा है। इससे यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं पर भी इसका असर पड़ सकता है। दरअसल विगत कई दिनों से उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग के कारण पूरा वातावरण ही धुंधमय हो गया है। जंगलों में लगी आग के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी तो हो ही रही है वरन अन्य कई बीमारियां भी जन्म ले रही हैं। चार धाम यात्रा को शुरू होने के लिए अब मात्र 8 दिन ही शेष रह गए हैं।

आग से आवासीय भवनों को खतरा

चमोली जनपद के जंगलों में लगी आग विकराल रूप धारण किए हुए है। आए दिन आग की नई नई घटनाएं सामने आ रही हैं। हाांकि पहली बार जंगलों में लगी भीषण आग को बुझाने के लिए प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही जिले में एनडीआरएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है लेकिन जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में आग ने इतना भयंकर रूप धारण कर लिया है कि इसे बुझाना किसी चुनौती से कम नहीं है। जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए अब इंद्र देव की पूजा अर्चना का सहारा भी लिया जा रहा है। अभी तक गढ़वाल वृत्त के आरक्षित वन में 8 तथा सिविल वन में 136 आग की घटनाएं होने से 4.9 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हो चुका है। भागीरथी वृत में सिविल तथा आरक्षित वन की 156 घटनाओं के साथ 2.8 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हो गया है। यमुना वृत के सिविल तथा आरक्षित वनों में 4 अग्नि घटनाओं के साथ 9.45 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हो गया है।

इसी तरह शिवाकिक वृत के आरक्षित तथा सिविल भूमि की 1 घटनाओं के साथ 167.18 हेक्यर क्षेत्रफल प्रभावित हो गया है। गढ़वाल मंडल में शुक्रवार तक 89.38 हेक्टेयर क्षेत्रफल जल कर खाक हो गया है। इस तरह अभी तक 1 लाख 56 हजार 179 रूपए का नुकसान आग की घटनाओं में हो गया है। अभी माह मई तथा जून का महीना बेहद संवेदनशील है। मई तथा जून के महीने में भी आग की घटनाएं सामने आती हैं। हालांकि वन विभाग द्वारा शासन प्रशासन का सहयोग लेकर वनों में लगी आग को बुझाने का प्रयास तो किया जा रहा है लेकिन अभी तक यह प्रयास असफल ही साबित हो रहा है। अब एनडीआरएफ की टीम को भी आग बुझाने में लगा दिया गया है। अब देखना है कि कितनी जल्दी वनों पर लगने वाली आग पर काबू पाया जा सकता है। द्यूंणीडांडा, गांधीनगर, आईटीआई के ऊपरीभाग में फैली भयंकर आग से विद्युत विभाग के आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया है। इसके  साथ ही इस क्षेत्र के जंगलों में लगी भीषण आग के कारण लोगों की आंखों में जलन की शिकायतें सामने आ रही हैं। आसमान में फैले धुंए के कारण पूरा वातावरण भी दूषित होकर रह गया है। बरसाली के जंगलों में भी भीषण आग के कारण इस क्षेत्र के गांवों पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।

 

 

 

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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