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मेरठ मेट्रो रूट का जायजा लेने जाएंगे विशेषज्ञ

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मेरठ मेट्रो रूट का जायजा लेने जाएंगे विशेषज्ञ

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मेरठ मेट्रो रूट का जायजा लेने जाएंगे विशेषज्ञ

लखनऊ। मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट की जांच के लिए 11 मई को लखनऊ मेट्रो के विशेषज्ञों की टीम मेरठ का दौरा कर सकती है। लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी कुमार केशव के साथ विशेषज्ञों की यह टीम मेरठ मेट्रो के रूट का जायजा लेगी।

मेरठ मेट्रो में दो कॉरिडोर प्लान किए गए हैं। राइट्स ने पहला कॉरिडोर परतापुर से पल्लवपुरम और दूसरा कॉरिडोर श्रद्धापुरी से गोकुलपुर प्रस्तावित किया है। मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के लिए 32 स्टेशन तय किए गए हैं।

मेट्रो स्टेशनों की जगह, पार्किं ग और ट्रैक के बारे में राइट्स ने रिपोर्ट दी है। इसी के आधार पर टीम 11 मई को मेरठ में दोनों कॉरिडोर के प्रस्तावित स्टेशन, पार्किं ग आदि की जगह देखेगी। यह टीम मेरठ मेट्रो के परतापुर-पल्लवपुरम और श्रद्धापुरी-गोकुलपुर ट्रैक के एलाइनमेंट को रिपोर्ट के आधार पर चेक करेगी।

इसके अलावा प्रस्तावित स्टेशनों, पार्किं ग स्पेस, डिपो आदि जगहों की फिजिबिलिटी, राइट्स की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर चेक करेगी। इसके पूर्व में 4 मई को लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी कुमार केशव के सामने राइट्स के विशेषज्ञों ने मेरठ मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट का प्रजेंटेशन दिया था।

राइट्स के डीपीआर में कॉरिडोर-1 के प्रस्तावित स्टेशन मोदीपुरम, पल्लवपुरम, गुरुकुल डौरली, सोफीपुर, लेखानगर, बेगमपुल, भैंसाली, रेलवे रोड चैराहा, बागपत रोड चैराहा, ब्रह्मपुरी, माधवपुरम, संजय वन, शताब्दीनगर, रिठानी, डीएन पॉलिटेक्निक, परतापुर।

वहीं कॉरिडोर-2 के प्रस्तावित स्टेशन श्रद्धापुरी, कंकरखेड़ा, कैंट रेलवे स्टेशन, मिल्रिटी अस्पताल, रजबन, बाजार, बेगमपुल, बच्चा पार्क, शाहपीर गेट, हापुड़ अड्डा चौराहा, गांधी आश्रम, मंगलपांडे नगर, तेजगढ़ी, मेडिकल कॉलेज, जागृति विहार एक्सटेंशन, गोकलपुर डिपो हैं।

एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक के मुताबिक, इन सभी प्रस्तावित स्टेशनों का जायजा लेने के बाद ही मेट्रो रेल कॉरपोरेशन राइट्स द्वारा सौंपे गए डीपीआर पर अपना सुझाव देगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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