उत्तराखंड
संस्कृत विवि में सामने आया फर्जीवाड़ा
देहरादून। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी मामले में जल्द ही कुछ प्रोफेसरों पर गाज गिर सकती है। पिछले दिनों मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन ने विवि को इस मामले के कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसे लेकर दो मई को विवि कार्यपरिषद की बैठक में गलत तरीके से नियुक्ति पाने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। इस पर मुहर कार्यपरिषद की अगली बैठक में लगने की संभावना है। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में वर्ष 2009 में कुछ असिस्टेंट प्रोफेसरों एवं प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई थी। नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत पर तत्कालीन राज्यपाल मारग्रेट आल्वा ने पूर्व अपर मुख्य सचिव आरएस टोलिया को प्रकरण की जांच के निर्देश दिए थे। पूर्व मुख्य सचिव की जांच के बाद गढ़वाल मंडल आयुक्त सीएस नपलच्याल ने मामले की जांच की। सूत्रों की माने तो जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है।
यह है मामला
विश्वविद्यालय के 11 असिस्टेंट प्रोफेसर व एक प्रोफेसर कार्रवाई की जद में हैं। आरोप है कि नियुक्ति के दौरान कुछ के पास नेट उपाधि नहीं थी तो कुछ को पीएचडी की उपाधि नियुक्ति के बाद मिली। इसके अलावा नियुक्ति पत्रावली में छेड़छाड़ व गुणांक में गड़बड़ी भी की गई। वही कुछ के संबंधित विषय में पीएचडी न होने व पांच शिक्षकों को कार्यपरिषद की बैठक के बाद नियुक्ति दिए जाने का भी आरोप है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्यपरिषद को निर्णय लेना है, दो मई को इस मसले पर कार्रपरिषद की बैठक हो चुकी है। बैठक में मिंटस तैयार हो चुके है, इसकी पुष्टि के बाद इस पर कार्रवाई होगी।-डा.पीयूष कांत दीक्षित, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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