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उत्तराखंड

बागियों की एंट्री से उठने लगे भाजपा में बगावत के सुर

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उत्‍तराखण्‍ड में कांग्रेस के बागी विधायक, बागी विधायकों की भाजपा में एंट्री, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत

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उत्‍तराखण्‍ड में कांग्रेस के बागी विधायक, बागी विधायकों की भाजपा में एंट्री, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत

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टिकट बंटवारे को लेकर भी मचेगा घमासान

देहरादून। कांग्रेस के बागी विधायकों की एंट्री होते ही भाजपा में भी बगावत के सुर उठने लगे हैं। आलाकमान ने भले ही बागियों को गले लगा लिया हो, लेकिन अंदरखाने कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष पनप रहा है। भाजपाई यहां तक कहने लगे हैं कि सब कुछ दिल्ली से तय होने से पार्टी में अब आंतरिक लोकतंत्र खत्म होने लगा है। बागी विधायकों के भाजपा में शामिल होने से पार्टी के प्रति समर्पित, निष्ठावान पुराने नेता और कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर हैरानगी जता रहे हैं। देहरादून जिले में तो कतिपय नेता खुलकर बागी तेवर दिखाने लगे हैं। तो कई कार्यकर्ता अंदर ही अंदर बागियों के भाजपा में शामिल होने पर विरोध कर रहे हैं।

जहां तक देहरादून जिले का सवाल है, तो यहां पर सबसे ज्यादा नाखुशी लोगों को कांग्रेस में बगावत के सूत्रधार पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ को लेकर है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि जो संकेत मिल रहे हैं, उससे यह लगने लगा है कि पार्टी हरक सिंह रावत को विधान सभा चुनाव में उनकी पसंदीदा सीटों सहसपुर, डोईवाला या धर्मपुर में से किसी एक पर टिकट देने का मन बना रही है। सहसपुर में सहदेव सिंह पुंडीर भाजपा के सिटिंग विधायक हैं। जबकि डोईवाला से पूर्व मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मजबूत दावा रखते हैं। इसी तरह, धर्मपुर सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे प्रकाश सुमन ध्यानी, महानगर अध्यक्ष उमेश अग्रवाल, मेयर विनोद चमोली भाग्य आजमाने की तैयारी में जुटे हैं।

ऐसे में इन दोनों सीटों पर भाजपा कैडर वोट के बिखरने पर हरक सिंह की राह आसान नहीं होगी। इसी तरह, रायपुर में उमेश शर्मा ‘काऊ’ को अगर भाजपा अपना चेहरा बनाती है तो यहां कई पुराने भाजपाई ‘काऊ’ का सीधा विरोध करने के मूड में दिख रहे हैं। रायपुर सीट से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े पुराने भाजपाई वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार पुरोहित दमखम के साथ विधायकी की दावेदारी के साथ पिछले दो साल से खासे सक्रिय हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिवक्ता पुरोहित तो कांग्रेस के बागी को टिकट देने की संभावना के विरोध में पार्टी नेतृत्व के सामने आपत्ति भी जता चुके हैं। इसी तरह, विश्व हिंदू परिषद के महेंद्र सिंह नेगी भी रायपुर में ‘काऊ’ को भाजपा से टिकट मिलने की संभावना को देखते हुए खुलकर विरोध में आ चुके हैं। खैर बगावत और असंतोष की चिंगारी के बीच राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखना दिलचस्प होगा।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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