Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली सुपुर्द-ए-खाक हुए, हजारों ने दी अंतिम विदाई

Published

on

महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली सुपुर्द-ए-खाक हुए, हजारों ने दी अंतिम विदाई

Loading

महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली सुपुर्द-ए-खाक हुए, हजारों ने दी अंतिम विदाई

लुइसविले (केंटकी)| अमेरिका के केंटकी राज्य के लुइसविले में महानतम मुक्केबाज मोहम्मद अली को अंतिम विदाई देने शुक्रवार को हजारों लोगों का हुजूम उमड़ा। ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद अली को लुइसविले के केव हिल कब्रिस्तान में दफनाया गया। इससे पहले उनकी शवयात्रा उन सभी स्थानों से होकर गुजरी, जो उनके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे।

जैसे ही अली की शवयात्रा उनके प्रशंसकों के पास से गुजरी, वे भावुक हो गए। अली का पिछले शुक्रवार को 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अली को अंतिम विदाई देने कई गणमान्य हस्तियां और हजारों की संख्या में लोग केएफसी यम! सेंटर में जुटे थे। यहां आने वालों को नि:शुल्क टिकट प्रदान किए गए थे।

अली की पत्नी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “मोहम्मद अली धर्म, विश्वास और अपने नाम को लेकर बेहद दृढ़ रहे, भले ही इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़ी। वह चाहते थे कि युवा उनके जीवन को एक ऐसे साक्ष्य के रूप में देखें, जिससे उन्हें इसकी प्रेरणा मिले कि प्रतिकूल परिस्थितियां आपको मजबूत बनाती हैं। यह आपको सपने देखने और उन्हें पूरा करने से नहीं रोक सकती।”

पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अली को ‘विश्वास से परिपूर्ण एक स्वतंत्र व्यक्ति’ बताया। राष्ट्रपति ओबामा अपनी बेटी मालिया की वाशिंगटन में हाईस्कूल ग्रैजुएशन कार्यक्रम की वजह से मोहम्मद अली के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। 1942 में जन्मे अली इस्लाम कबूल करने से पहले ‘कैसियस क्ले’ के नाम से जाने जाते थे। उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में मुक्केबाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था और छह साल बाद 1960 में रोम ओलम्पिक में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

अली के नाम 56 जीतें और महज पांच हार दर्ज हैं, जिनमें से 37 नॉकआउट थीं। ‘द ग्रेटेस्ट’ के उपनाम से मशहूर अली पहले ऐसे मुक्केबाज हैं, जिन्हें विश्व की प्रसिद्ध मुक्केबाजी पत्रिका द रिंग ने पांच बार ‘फाइटर ऑफ द ईयर’ का नाम दिया था। वह तीन बार हैवीवेट चैम्पियन बनने वाले इकलौते मुक्केबाज भी हैं। उन्होंने 1964, 1974 और 1978 में ये खिताब हासिल किए थे।

वह 25 फरवरी से 19 सितंबर 1964 तक बिना किसी विवाद के हैवीवेट चैम्पियन रहे थे, जबकि एक खेल पत्रिका ने उन्हें ‘स्पोर्ट्समैन ऑफ द सेन्चुरी’ का खिताब दिया था। बीबीसी ने उन्हें ‘स्पोर्ट्स पर्सनलटी ऑफ द सेन्चुरी’ का खिताब दिया था।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

Published

on

Loading

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

Continue Reading

Trending