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उत्तराखंड

उत्तराखंड में मलबे से 14 शवों को बाहर निकाला गया

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उत्तराखंड में मलबे से 14 शवों को बाहर निकाला गया

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उत्तराखंड में मलबे से 14 शवों को बाहर निकाला गयादेहरादून| उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बाद मलबे में दबे 14 शवों को बाहर निकाला गया है। पुलिस ने शनिवार को कहा कि पिथौरागढ़ और चमोली जिलों के छह गांवों में शुक्रवार को बादल फटने से 39 लोगों की मौत हो गई।

इस घटना से अधिकतम क्षति बासतेड़ गांव में हुई है, जहां 30 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

क्षेत्र में लगातार बारिश के बाद बादल फटने से 60 से अधिक घर नष्ट हो गए हैं। गांवों में 200 मवेशियों की मौत हो गई है।

अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ दो घंटे में 100 मिलीमीटर बारिश हुई है, जिससे अधिकांश नदियों में बाढ़ आ गई है।

आपदा प्रबंधन दल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य बाधित हुए हैं।

राज्य आपदा बचाव बल, अर्धसैनिक बल और सेना बचाव दल की कई टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसी हुई हैं। संचार के सभी साधन नष्ट हो गए हैं।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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