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उत्तराखंड

भारी बारिश के चलते चारधाम यात्रा रुकी, हजारों यात्री रास्ते में फंसे

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उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन, सड़क पर मलबा, चारधाम यात्रा रुकी, हजारों यात्री रास्ते में फंसे

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उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन, सड़क पर मलबा, चारधाम यात्रा रुकी, हजारों यात्री रास्ते में फंसे

Disaster in Uttarakhand

प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए कमर कसी

देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते सड़क पर मलबा आने के कारण मार्ग बहने से गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ यात्रा रोक दी गई है। जिसके चलते 4500 से अधिक यात्री फंसे हुए हैं। आज सुबह उत्तरकाशी में भारी बारिश के चलते गंगोत्री हाईवे 50 मीटर बह गया। जिसके चलते प्रशासन ने गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा रोक दी। भारी बारिश के चलते क्षेत्र के कई मकानों में दरार आ गई है।

सड़कों के बहने से आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई ठप

वहीं गोपेश्वर में मलबा आने के चलते बदरीनाथ हाईवे और चमोली-ऊखीमठ-केदारनाथ मोटरमार्ग बंद होने से बदरीनाथ यात्रा रुक गई है। यात्रा मार्ग में लगभग 4600 यात्री वाहनों के साथ फंसे हुए हैं। प्रशासन यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटा हुआ है। वहीं रास्ता बंद होने से गोपेश्वर, पीपलकोटी और जोशीमठ क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई ठप हो गई है। बीआरओ और लोकनिर्माण विभाग बदरीनाथ हाईवे को सुचारू करने में जुटे हुए हैं।

नदियों ने रास्ते बदले, भारी तबाही की आशंका

बारिश के कहर से कराह रहे उत्तराखंड के सामने अब नई मुश्किल सामने आई है। बारिश और भूस्खल से कई इलाकों में मोटरमार्ग ध्वस्त हो गए हैं। जिसके चलते आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई ठप हो गई है। बदरीनाथ हाईवे पर भी जगह-जगह मलबा आने से यह मार्ग बाधित हो गया है।

शनिवार तड़के सुबह मलबा आने से चंबा-ऋषिकेश मोटर मार्ग बेमुंडा के पास मलबा आने से बंद हो गया। जिसके चलते नई टिहरी सहित कई इलाके तक आवागमन कई घंटे तक ठप रहा। जिसके चलते लोगों तक अखबार भी नहीं पहुंच पाए। दोपहर लगभग 11ः30 बजे मार्ग खुलने के बाद आवागमन शुरू हुआ।

भारी बारिश के चलते घनसाली-घुत्तु मोटरमार्ग देवट गांव से आगे रानीगड़ के पास बंद हो गया है। मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए जिलाधिकारी टिहरी ने जनपद के सभी स्कूलों को सोमवार तक बंद करने के आदेश दिए हैं।

बारिश ने एक तरफ चमोली और पिथौरागढ़ में तबाही मचाई हैं वहीं विज्ञानियों के एक शोध ने उत्तराखंड में नई तबाही की आशंकाओं की ओर इशारा किया है। देहरादून स्थित वाडिया भू-संस्थान के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा ने सिर्फ जन-धन की हानि ही नहीं पहुंचाई, बल्कि भौगोलिक स्थिति को भी प्रभावित किया।

मुख्य धारा पर मिट्टी, रेत-बजरी के जमाव से नदियों के रास्तों में बदलाव आ गया है। इस बदलाव के कारण नदियों के बेसिन का पूरा सिस्टम ही बदल रहा है। अपने मुख्य मार्ग से नदी की धारा तेज बारिश में बेलगाम हो सकती है।

नदियों की धारा के इस बदलाव से कटान के कारण नए भूस्खलन जोन पैदा हो गए, जिन्हें अभी चिन्हित नहीं किया गया। विज्ञानियों का कहना है कि तेज बारिश में यहां भूस्खलन जल्दी और अधिक हो सकता है।

आपदा के बाद यह बदलाव मंदाकिनी घाटी में अधिक आया है। मंदाकिनी और इसकी सहयोगी नदियों के रास्तों में बदलाव की पुष्टि हो चुकी है। मंदाकिनी नदी में सोनप्रयाग, सीतापुर, बांसबाड़ा, सियालसौड़ चंद्रपुरी, गबनी, गंगानगर, विजयनगर, रामपुर, तिलवाड़ा आदि स्थानों पर नदी की धारा अपने स्थान से खिसकी है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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