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उत्तराखंड

मेडिकल कालेज से मरीज रेफर करना शर्मनाक: नेगी

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दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय, सुरेन्द्र सिंह नेगी, जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा

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दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय, सुरेन्द्र सिंह नेगी, जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार में सवास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आज दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने कहा कि दून मेडिकल कालेज से यदि किसी मरीज को अन्यत्र रेफर किया जाता है तो यह बड़े शर्म की बात है, ऐसा दुबारा नहीं होना चाहिए।

चिकित्सालय का औचक निरीक्षण करते हुए नेगी ने कहा कि मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार से धन की कमी आड़े नहीं आनी चाहिए। उन्होंने प्राचार्य डीजी हेल्थ और अपर सचिव को लेकर एक समन्वय समिति बनाई और यह भी कहा कि प्रत्येक सप्ताह मुख्य सचिव अस्पताल की हर जरूरतों को लेकर बैठक करें।

समस्याओं पर निमित मंथन किया जाए ताकि उस पर रोड मैप तैयार कर तुरन्त क्रियान्वयन किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि ड्यूटी के दौरान अस्पताल का कोई भी डाक्टर या कर्मचारी मरीज से इलाज के लिए पैसे लेते हुए पाया हाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पटेलनगर में डेढ़ सौ बीघा जमीन पर मेडिकल कालेज अस्पताल बनाया जायेगा, इसलिए दून अस्पताल को पुनः जिला अस्पताल बनाया जायेगा।

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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