उत्तराखंड
नहीं दिख रही कांवड़ यात्रा की तैयारियां
ऋषिकेश। महज चार दिन बाद गुरुपूर्णिमा पर्व से शुरू होने वाली नीलकंठ कांवड़ यात्रा की तैयारियां बंद कमरों में बैठकों तक सिमट कर रह गई हैं। लाखों श्रद्धालुओं की आमद वाले कांवड़ मेले के लिए मेला क्षेत्र में कहीं कोई तैयारियां नहीं दिखाई पड़ रही हैं।
सोमवार को श्रावण मास से कांवड़ यात्रा की विधिवत शुरुआत होगी। जबकि 19 जुलाई को गुरुपूर्णिमा पर्व पर मोक्षदायिनी में डुबकी लगाने के बाद तीर्थनगरी से शिवभक्त नीलकंठ महादेव की यात्रा शुरू कर देंगे। क्षेत्र में शिवभक्त कांवड़ियों की आमद दिन प्रतिदिन बढ़ने लगी है।
बावजूद इसके मेला व्यवस्थाएं कहीं नजर नहीं आ रही हैं। बीते सप्ताह टिहरी, ऋषिकेश, पौड़ी प्रशासन कांवड़ यात्रा व्यवस्थाओं की बैठक कर चुके हैं। मगर मेला क्षेत्र में धरातल पर अभी कहीं अमल होता कहीं नहीं दिख रहा।
ऋषिकेश से नीलकंठ धाम तक तमाम असुविधाएं कांवड़ियों के लिए मुसीबत साबित हो सकती हैं। स्वर्गाश्रम से नीलकंठ महादेव की दुर्गम पैदल यात्रा को सरकारी उदासीनता ने अति दुर्गम बना दिया है।
कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत मार्ग पर पड़े गड्ढों में अभी तक पैच वर्क भी नहीं किया गया है। इससे यात्रियों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। पैदल मार्ग पर सीसी निर्माण वर्ष 2010 में कुंभमेला बजट से किया गया था, छह साल से उक्त मार्ग की किसी ने सुध नहीं ली।
राजाजी नेशनल पार्क प्रशासन की गौहरी रेंज में पड़ने वाले पैदल मार्ग पर पार्क प्रशासन हर साल यात्राकाल में अस्थायी दुकानें आवंटित कर राजस्व वसूलता है, मगर लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही वाले क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग की मरम्मत नहीं कराता।
बारिश और धूप से बचने के लिए रास्ते में टिन शेड बने है। जो जीर्णशीर्ण स्थिति में है। कई स्थानों पर टिन ही उड़ी हुई है। नीलकंठ पैदल मार्ग पर बाघखाला से लेकर मौनीबाबा गुफा तक बने सार्वजनिक स्टैंड पोस्टों से टोटियां गायब हैं। कुछ जगहों पर पाइप लाइन से पानी लीकेज होकर बेकार रास्तों पर बह रहा है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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