उत्तराखंड
दून में डेंगू के मामले बढ़े, अब तक 84 मरीजों में डेंगू की पुष्टि
देहरादून। राजधानी में डेंगू का डंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बृहस्पतिवार को भी पथरीबाग क्षेत्र में 20 नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति बनी रही।
इसके साथ ही राजधानी में डेंगू पीड़ितों की संख्या 84 तक पहुंच गई है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पथरीबाग क्षेत्र में शिविर लगाकर 22 नए संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए। दून के पथरीबाग में डेंगू के रोज सामने आ रहे मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ा रखी है।
खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके बावजूद क्षेत्र में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालांकि, पीड़ितों की संख्या में मामूली कमी दर्ज की गई है।
20 जुलाई को लिए गए 83 सैंपल में से 20 पॉजिटिव मिले हैं। प्रभारी सीएमओ डॉ. वाईएस थपलियाल ने बताया कि राजधानी के सभी 84 डेंगू पीड़ित पथरीबाग क्षेत्र में ही मिले हैं।
बृहस्पतिवार को एक बार फिर विभाग की टीम ने पथरीबाग क्षेत्र में शिविर लगाकर लोगों की जांच की। इस दौरान 22 संदिग्ध मरीज मिलने पर उनके सैंपल लिए गए। स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी का कहना है कि मरीजों की तादाद को देखते हुए हर संभव इलाज कराने के निर्देश दिये गये हैं।
उनका कहना है दून मेडिकल कॉलेज में इलाज की व्यवस्था की गई है, जिससे मरीजों को हर संभव इलाज मिल सके। उनका कहना है कि इलाके में लगातार स्वास्थ्य टीम कैंप कर रही है।
स्वास्थ्यमंत्री का कहना है कि अमूमन डेंगू का प्रभाव सितम्बर माह में देखने को मिलता था, लेकिन इस बार जुलाई में डेंगू के मरीज सामने आने लगे हैं। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं।
गौरतलब है कि डेंगू से एक मरीज की दिल्ली में मौत भी हो चुकी है। इसके मददेनजर स्वास्थ्य महकमे की तैयारियों पर सवाल उठना लाजिमी है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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