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उत्तराखंड

122 पहुंची डेंगू मरीजों की संख्या, 33 नए सैंपल लिए गए

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डेंगू मरीजों की संख्या 122, 33 नए सैंपल, देहरादून में डेंगू मरीजों की संख्या

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डेंगू मरीजों की संख्या 122, 33 नए सैंपल, देहरादून में डेंगू मरीजों की संख्या

dengue in uttarakhand

देहरादून। देहरादून में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 122 तक पहुंच गई है। रविवार को भी 16 नए मामले सामने आए। इसमें पथरीबाग के साथ ही भंडारी बाग और टीएचडीसी कॉलोनी के मरीज भी शामिल हैं। आसपास के क्षेत्रों में भी डेंगू के मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

सीएमओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को भी पथरीबाग क्षेत्र में कैंप लगाया गया। इसमें कुल 81 लोगों की जांच की गई। संदिग्ध लक्षण मिलने के बाद 33 लोगों के एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए। वहीं, दून हॉस्पिटल लैब में 16 मामले पॉजिटिव मिले।

इसमें पथरीबाग के 14 और भंडारी बाग व टीएचडीसी कॉलोनी का एक-एक मरीज शामिल है। प्रभारी सीएमओ डॉ. वाईएस थपलियाल ने बताया कि बीते दिनों कुल 91 सैंपल लिए गए थे।

उनकी जांच में ही यह 16 मामले पॉजिटिव मिले। उन्होंने बताया कि 15 जुलाई से अब तक पथरीबाग क्षेत्र में कुल 517 सैंपल लिए गए हैं।

डेंगू से बचाव में आयुर्वेदिक उपाय फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आयुर्वेद में ऐसे कई उपाय और औषधियां हैं, जो डेंगू के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करती हैं।

उत्तरांचल आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉ. सनंदन थपलियाल ने बताया कि शुंठी और गुडूची का काढ़ा, तुलसी पत्र व धनिया चूर्ण, षडंग पानीय, धान्यक हिम और पत्ती, पपीते के पत्ते का चूर्ण और स्वरस डेंगू के उपचार में बेहद लाभदायक है।

वहीं होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ममता ने बताया कि होम्योपैथी में डेंगू की 25 से अधिक औषधियां उपलब्ध हैं। खास बात यह है कि इन दवाओं की कीमत बेहद कम है और इन दवाओं का किसी तरह का साइड इफेक्ट भी नहीं है।

 

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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