उत्तराखंड
कारगिल वार: देश की खातिर बलिदान देने में उत्तराखंड के सपूत सबसे आगे
देहरादून। भारतीय इतिहास में उत्तराखण्ड के वीर सैनिकों की गौरव गाथा के असंख्य उदाहरण हैं। जब भी देश के लिए बलिदान देने का अवसर आया, यहां के जांबाज सैनिक हमेशा आगे रहे। कारगिल शौर्य दिवस पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने विचार व्यक्त किये।
अपने सीमित साधनों के बावजूद वीर सैनिकों व उनके परिवारजनों के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। राज्य के लगभग दस प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने देश की रक्षा में अपनों को खोया है।
फिर भी अपने दुख के ऊपर उन्होंने राष्ट्र के स्वाभिमान को रखा है। उत्तराखण्ड के वीरों ने शौर्य व पराक्रम को नई ऊंचाइयां देते हुए पराक्रम के मापदण्ड स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जब भी भारत के मान सम्मान के लिए रक्त बहा है उसमें उत्तराखंड राज्य का रक्त भी शामिल रहा है।
कारगिल के युद्ध में वीरता की एक महान मिसाल कायम की गई। दुनिया के युद्ध के इतिहास में एक नया आयाम कायम किया गया। कारगिल की विजय भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का प्रतीक है। भारतीय सैनिकों ने जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा उससे पूरी दुनिया ने भारतीय सेना का लोहा माना।
उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने वीर नारियों को सम्मानित किया और कार्यक्रम में मौजूद सभी पूर्व सैनिकों से मिलते हुए उनका अभिवादन किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार, ललित फस्र्वाण, मेयर विनोद चमोली सहित सेवारत व अवकाश प्राप्त सैन्य अधिकारी, सैनिक, सैनिकों के परिवारजन, स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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