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प्रादेशिक

उप्र : विश्वबैंक के कर्ज से बनेगा पंचपेडी घाट पुल

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लखनऊ। विश्वबैंक के ऋण से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क डेलवलपेंट प्रोग्राम के प्रथम चरण के तहत पंचपेडी घाट पुल के निर्माण को प्रदेश शासन ने मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के बाद लंबे समय से प्रदेश में पंचपेडी घाट पुल के निर्माण की बाट जोह रहे जनपद लखीमपुर खीरी के लोगों को बहुत राहत मिलेगी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी इस परियोजना पर आर्थिक कार्य विभाग (वित्त मंत्रालय) ने भी अपनी सहमति दे दी है।

क्षेत्र के लोग निघासन तहसील को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले बेलंराया पनवारी राजमार्ग पर पड़ने वाले पंचपेडी घाट पर पुल निर्माण की मांग पिछले कई वर्षो से करते रहे हैं। मौजूदा समय मं लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए शारदानगर होकर करीब 56 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, जबकि पंचपेडी घाट होकर जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 35 किलोमीटर है। इस तरह मौजूदा समय मे क्षेत्रवासियों को करीब 21 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। पंचपेडी घाट पर पुल बन जाने से समय की तो बचत होगी ही, सफर सस्ता और आसान भी हो जाएगा।

विधानसभा उपचुनाव सम्पन्न होने के बाद मौजूदा समय में राजधानी लखनऊ से एक इंजीनियरिंग कंपनी की एक टीम मौके पर जाकर पंचपेडी घाट में इलेक्ट्रिॉनिक बोरिंग मशीनों के जरिए जगह-जगह बोरिंग कर मिट्टी की गहराई का पता लगा रही है। टीम की रिपोर्ट के आधार पर पुल के पिलरों की गहराई तय की जाएगी। दरअसल, इसी साल 14 जुलाई को जनपद के बसपा एमएलसी आरएस कुशवाहा ने विधान परिषद के द्वितीय सत्र के दौरान नियम 115 के अंर्तगत लखीमपुर जनपद में शारदा नदी पर पुल निर्माण के संबंध में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब मं लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने एमएलसी को अवगत कराया है कि विश्वबैंक के ऋण से लखीमपुर में पंचपेडी घाट पर शारदा नदी पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है।

लोक निर्माण मंत्री की ओर से यह भी बताया गया कि वित्त मंत्रालय नई दिल्ली मं हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इस परियोजना पर आर्थिक कार्य विभाग (वित्त मंत्रालय) ने भी अपनी सहमति दे दी है। परियोजना के तहत विस्तृत रिपोर्ट बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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