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प्रादेशिक

कैबिनेट का निर्णय अखिलेश सरकार का चुनावी फैसलाः केशव प्रसाद मौर्य

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कैबिनेट का निर्णय, अखिलेश सरकार का चुनावी फैसला, केशव प्रसाद मौर्य

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कैबिनेट का निर्णय, अखिलेश सरकार का चुनावी फैसला, केशव प्रसाद मौर्य

keshav prasad maurya

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आज अखिलेश यादव की कैबिनेट द्वारा किये गये फैसले पर सरकार की नियत पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह कैबिनेट का र्निणय सरकार की विदाई के समय किया गया चुनावी फैसला है। भाजपा अध्यक्ष ने कैबिनेट के फैसलों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा उप्र सरकार बच्चों को निःशुल्क कापी-किताब तो आज तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है। कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क बस्ता उपलब्ध कराने की बात महज चुनावी शिगूफा है। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों का विद्यालय में प्रवेश हुए दो माह के लगभग हो रहे होंगे, बच्चों को अब बस्ते की जरूरत अगले वर्ष होगी तब तक प्रदेश से समाजवादी पार्टी की सरकार की विदाई हो चुकी होगी।

मौर्य ने इलाहाबाद में मेट्रों की कैबिनेट से स्ववीकृति पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि यदि सरकार विश्व प्रसिद्व तीर्थ संगम नगरी के विकास के प्रति ईमानदार होती तो यह फैसला हो समय रहते किया होता ताकि इसका क्रियान्वयन हो सकता। श्री मौर्य ने कहा कि सपा सरकार की सभी विकास योजनाएं केवल सैफई तक सीमित रही। उन्होंने कहा कि जब तक इलाहाबाद मेट्रों का डीपीआर तैयार होगा उसके पहले तो उ0प्र0 की जनता वर्तमान सरकार को बाहर करने का फैसला कर चुकी होगी।

भाजपा अध्यक्ष ने विधायकों तथा मंत्रियों की वेतन बढ़ोत्तरी पर कहा कि अच्छा होता उ0प्र0 सरकार विधायकों और मंत्रियों के वेतन बढ़ाने के पहले बुन्देलखण्ड के किसानों और उ0प्र0 के बेरोजगारों की बदहाली दूर करती। केशव प्रसाद मौर्य मौर्य ने कहा कि उप्र सरकार प्रदेश की जनता का विश्वास खो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया अखिलेश यादव उप्र से भ्रष्टाचार और अपराध को समाप्त कर जनविश्वास जीत सकते थे लेकिन वह सुअवसर जो प्रदेश की जनता ने उन्हें दिया था उसे उन्होंने खो दिया है। प्रदेश की जनता अपराधियों के आतंक और भ्रष्टाचार से त्रस्त है अब सपा से निजात पाने के लिए बेताब है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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