बिजनेस
फेड दरें बढ़ने की आशंका से गिरा शेयर बाजार
मुंबई| पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए, जोकि वैश्विक बाजारों पर अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से आए दबाव का नतीजा है। शुक्रवार को खत्म हुए सप्ताह में सेंसेक्स में 294.75 अंक या 1.05 फीसदी गिरावट दर्ज की गई और यह 27,782.25 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 94.35 अंक या 1.09 फीसदी गिरावट के साथ 8,572.55 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 35.02 अंक या 0.27 फीसदी की गिरावट आई और यह 13,000.15 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 27.66 अंक या 0.22 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 12,487.12 पर बंद हुआ।
भारतीय शेयर बाजारों पर अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका हावी रही, क्योंकि अमेरिका अगर अपने यहां ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो निवेशक भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पैसा निकाल कर अमेरिकी बाजार में लगाने लगेंगे। फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनेट येलेन शुक्रवार को कंसास सिटी में फेड की सालाना मौद्रिक नीति संगोष्ठी में अगली बढ़ोतरी की समय सीमा के बारे में कुछ संकेत दे सकती हैं, जिस पर दुनिया भर के निवेशकों की नजर है।
भारतीय बाजार में सोमवार को सप्ताह के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार नीचे गिरकर बंद हुए। इसी दिन सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर के रूप में उर्जित पटेल की नियुक्ति की जानकारी दी, जो रघुराम राजन की जगह लेंगे। पटेल मुद्रास्फीति से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए जाने जाते हैं। इस दिन सेंसेक्स 91.46 अंक या 0.33 फीसदी गिरकर 27,985.54 पर बंद हुआ।
मंगलवार को जब बाजार खुले तो थोड़ी रिकवरी देखी गई, लेकिन बाजार बंद होने तक सेंसेक्स सपाट बंद हुआ। इस दिन सेंसेक्स 4.67 अंक या 0.02 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी के साथ 27,990.21 पर बंद हुआ। बुधवार को प्रमुख सूचकांकों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई और सेंसेक्स 69.73 अंक या 0.25 फीसदी बढ़कर 28,059.94 पर बंद हुआ।
गुरुवार को दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और धातु क्षेत्र के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई और सेंसेक्स 224.03 अंक या 0.8 फीसदी गिरकर 27,835.91 पर बंद हुआ। शुक्रवार को भी प्रमुख सूचकांकों में हल्की गिरावट देखी गई और सेंसेक्स 53.66 अंक या 0.19 फीसदी गिरकर 27,782.25 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 19.65 अंक या 0.23 फीसदी के गिरावट के साथ 8,572.55 पर बंद हुआ।
पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 प्रमुख शेयरों में से 22 में गिरावट देखी गई। आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी विप्रो के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट आई और यह 5.89 फीसदी गिरकर 489.95 पर बंद हुआ। इंफोसिस के शेयर में 0.03 फीसदी गिरावट आई और यह 1020.75 पर बंद हुआ। टीसीएस के शेयर में 2.87 फीसदी की गिरावट आई और यह 2,529.15 पर बंद हुआ। कुल मिलाकर, बीएसई के आईटी सूचकांक में 146.17 अंक या 1.39 फीसदी की गिरावट आई और पिछले हफ्ते यह 10,390.48 पर बंद हुआ।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी के शेयरों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में गिरावट के कारण मंदी देखी गई और यह 1.45 फीसदी गिरकर 238.45 पर बंद हुआ। रिलायंस के शेयर 1.45 फीसदी गिरकर 238.45 पर बंद हुए। एनटीपीसी के शेयर 5.25 फीसदी गिरकर 158 पर बंद हुए।
वहीं, सेंसेक्स के बढ़ोतरी वाले शेयरों में गेल के शेयर 4.26 फीसदी तेजी के साथ 379.20 पर बंद हुए। एचडीएफसी बैंक के शेयर 1.04 फीसदी बढ़कर 1,257.90 पर बंद हुए।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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