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प्रादेशिक

हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र ने ‘तनाव’ के कारण की आत्महत्या

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आत्महत्या

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आत्महत्याहैदराबाद| हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक छात्र ने शनिवार को कथित तौर पर अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस का कहना है कि छात्र ने संभवत: तनाव के कारण आत्महत्या की। हैदराबाद विशविविद्यालय में मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स के प्रथम वर्ष का छात्र नेली प्रवीण छात्रावास के अपने कमरे (एल 204) में मृत पाया गया।

प्रवीण के रूममेट ने तड़के 4.15 बजे उसे फांसी पर झूलते देखा था। उसने दूसरे छात्रों को इस बारे में बताया, जिन्होंने विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया। प्रवीण को परिसर के स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जिसे बाद में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी उस्मानिया जनरल अस्पताल ले जाया गया। पुलिस उपायुक्त (मधापुर) कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि प्रवीण के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। लेकिन दो हस्तलिखित नोट बरामद हुए हैं, जिससे लगता है कि उसने तनाव की वजह से ऐसा कदम उठाया।

छात्र ने लिखा है कि वह पढ़ाई में अच्छा नहीं कर पाने को लेकर दुखी और असहाय महसूस करता है। प्रवीण ने तेलुगू में लिखा है, “मुझे कुछ समझ नहीं आता कि आखिर मैं क्यों नहीं कुछ कर सकता और मैं क्यों डरा हुआ हूं।”  उसने लिखा, “बहुत से लोग हैं, जो पढ़े-लिखे नहीं हैं, फिर भी खुश हैं। मैं नहीं समझ पा रहा कि मैं नहीं नहीं जी सकता।”

पुलिस उपायुक्त ने कहा कि हस्तलिखित नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। प्रवीण तेलंगाना में महबूबनगर जिले के शादनगर शहर का रहने वाला था। उसने दो महीने पहले ही दाखिला लिया था। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक बयान में कहा गया, “पुलिस मामले की जांच कर रही है। विश्वविद्यालय के अधिकारी और फैकल्टी प्रवीण के दोस्तों और परिवार के संपर्क में हैं।”

उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय ने प्रवीण कुमार के असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। फाइन आर्ट्स विभाग ने शनिवार सुबह शोक सभा का आयोजन किया।” इसके पहले जनवरी में रोहित वेमुला ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर जातीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद देशभर के विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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