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प्रादेशिक

झारखंड के चिकित्सकों की 3 दिवसीय हड़ताल शुरू

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हड़ताल

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हड़तालरांची| मेडिकल सुरक्षा अधिनियम लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड के चकित्सकों ने बुधवार को तीन दिवस हड़ताल शुरू की है। हड़ताल का आह्वान झारखंड स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) ने किया है, जिसका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने समर्थन किया है। आईएमए की झारखंड इकाई निजी चिकित्सकों के साथ 30 सितम्बर को हड़ताल में शामिल होगी।

जेएचएसए के सचिव विमलेश कुमार ने आईएएनएस से कहा, “हमारी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए हमने बुधवार से कार्य का बहिष्कार करना शुरू किया है। आपात सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है।”

बहिरंग विभाग की सेवाओं पर हड़ताल का असर पड़ा है। रोगियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि चिकित्सकों ने उनका उपचार करने से इनकार कर दिया है।

चिकित्सा सुरक्षा अधिनियम लागू करने की मांग के अलावा चिकित्सकों ने बिना गैर प्रैक्टिस भत्ता दिए निजी प्रैक्टिस बंद करने के सरकारी कदम का भी विरोध किया है।

चिकित्सकों की मांग है कि उनके कार्य की अवधि तय की जानी चाहिए। उन्होंने बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का विरोध किया है।

विमलेश कुमार ने कहा, “अगर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो हम सामूहिक इस्तीफे का विकल्प चुनेंगे। सभी चिकित्सक दो अक्टूबर को इस्तीफा देंगे, जिसे 15 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, झारखंड में 7500 चिकित्सक होने चाहिए, जबकि केवल 1100 चिकित्सक हैं।

इस बीच झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील की है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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