प्रादेशिक
14वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : युवाओं को भा रहीं देशी-विदेशी रचनाएं
लखनऊ। युवा रचनाकार अन्वित का कहना है, ‘जिस तरह सुबह-सुबह अखबार पढऩे का मजा है उसी तरह कहानियां और उपन्यास किताब के रूप में पढऩे का आनन्द ही अलग है।’ नन्दिता कहती हैं कि मैं यहां नीरज, पाश और मुनव्वर राना की किताबों की खोज में आई हूं। रहमान बताते हैं कि मुझे देशी-विदेशी महिला रचनाकारों खासकर नई लेखिकाओं की किताबों की तलाश फिर तीसरी बार यहां ले आई।
सूबे की राजधानी स्थित मोती महल वाटिका में चल रहे 14वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में साहित्यप्रेमियों का जमावड़ा हरदम रहता है। शायर गालिब, मीर हों या गीतकार बच्चन व नीरज, अंग्रेजी रचनाकार शेक्सपीयर हों या रूसी चेखोव या चीनी लु शुन या फिर हिन्दी के प्रेमचन्द, धर्मवीर भारती, नरेन्द्र कोहली आदि। कहानी-उपन्यास, कविता-शायरी की किताबें पुस्तक मेले में बराबर बिक रही हैं। विदेशी रचनाकारों के संग ही भारतीय भाषाओं से हिन्दी में अनूदित साहित्य की पुस्तकों की मांग पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार ज्यादा दिखाई दे रही है। खासकर नई पीढ़ी के साहित्यप्रेमी नये व सामयिक रचनाकारों के साथ अनुवादित साहित्य पढऩे व पुस्तकें लेने में रुचि दिखा रहे हैं।
दि फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशंस इन इंडिया, नई दिल्ली के सहयोग से हो रहे केटी फाउंडेशन के इस 14वेें मेले का गुरुवार को सातवां दिन था। नि:शुल्क प्रवेश वाले इस मेले में पुस्तक प्रेमियों को हर बार की तरह न्यूनतम 10 फीसदी की छूट पुस्तकों पर मिल रही है। पुस्तक मेले में गुरुवार को एसएसपी मंजिल सैनी, पूर्व अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी, निखत खान, वायस आफ लखनऊ के महाप्रबंधक सुशील दुबे ने भी भ्रमण किया।
मेले में साहित्यिक पुस्तकें राजपाल एण्ड संस, प्रभात प्रकाशन, लेक्सीकॉन बुक्स, साहित्य भण्डार, वाणी प्रकाशन, पुस्तक महल, पद्म बुक, बुक्स एण्ड बुक्स, यूबीएस पब्लिशर्स, राजकमल, सामयिक प्रकाशन, साक्षी प्रकाशन, आरुषि बुक, कलाकुंज, प्रकाशन विभाग के स्टाल सहित बहुत से स्टालों पर है। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के स्टाल पर डिक्शनरी के साथ ही चुनिंदा साहित्य उपलब्ध है।
पुस्तक मेला मंच पर गुरुवार को डा.अमिता दुबे के संचालन में महेन्द्र भीष्म के ‘किन्नर कथा’ व ‘जय हिन्द की सेना’ जैसे उपन्यासों पर हुई चर्चा में मृत्युंजय मिश्र, डा.निर्मला सिंह व शीला पाण्डेय इत्यादि साहित्यकारों के साथ ही किन्नर पायल ने विचार व्यक्त किए। इसी अवसर पर नीरजा हीमेन्द्र के उपन्यास ‘अपने-अपने इन्द्रधनुष’ का लोकार्पण हुआ।
इससे पहले दिन में अगीत परिषद की ओर से रंगनाथ मिश्र सत्य की अध्यक्षता व देवेश गुप्त के संचालन में हुए शहीदों को समर्पित कवि सम्मेलन में ‘अगीत त्रयी’ का विमोचन किया गया। राजेन्द्र वर्मा की पुस्तक ‘मुक्ति और अन्य कहानियां’ पर कथाकार शिवमूर्ति, प्रताप दीक्षित व नसीम साकेती आदि वक्ताओं ने अपनी बात रखी। वक्ताओं ने कहानियों को सारगर्भित तथा प्रासंगिक बताया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के क्रम में शाम को संगीत कला संस्थान की संगीतमय प्रस्तुति रही। गायिका पूनम श्रीवास्तव ने दादरा ‘रंगी गुलाबी सारी…’ के साथ ही सूफी भजन ‘छाप तिलक सब छीन्ही…’ के संग सूर व तुलसी के भजन प्रस्तुत किए। उनका साथ वाद्यों पर गुरु शीतलप्रसाद मिश्र, महेश्वर दयाल नागर व राज विभूति ने दिया।
ज्योति किरन रतन के संयोजन में बाल-युवा मंच पर श्लोक वाचन, शंख वादन, श्लोक लेखन और योग की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। प्रतियोगिताओं में दिव्यांशु भारद्वाज, अश्वित, प्रज्ज्वल तिवारी, सार्थक द्विवेदी, अश्विनी तिवारी, आकाश शुक्ल, अर्चना व सुगन्धा आदि बच्चों व नवयुवाओं ने प्रतिभाग किया। स्वास्थ्य आयोजनों के क्रम में डाक्टर से मिलिए कार्यक्रम में हड्डी रोग विशेषज्ञ प्रो.अजय सिंह ने बच्चों की हड्डियों की मजबूती और बढ़ती उम्र में हड्डियां मजबूत रखने के उपाय बताए।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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