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सीमा पार से आतंकवाद, चरमवाद गंभीर चुनौतियां : मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सीमा पार से आतंकवाद और बढ़ता चरमपंथ भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के समकक्ष ली सीन लूंग के साथ जारी संयुक्त बयान में कहा, आतंकवाद की बढ़ती लहर, खासकर सीमा पार आतंकवाद और चरमवाद का बढऩा हमारी सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत के बाद यह बयान जारी किया गया।
मोदी ने कहा कि उन लोगों(आतंकियों) ने हमारे सामाजिक तानेबाने को ही जोखिम में डाल दिया है। उन्होंने कहा, यह मेरा मानना है कि जो शांति एवं मानवता में विश्वास करते हैं, उन्हें खड़ा होने और साथ मिलकर इस बुराई के खिलाफ लडऩे की जरूरत है।
प्रधानमंत्री की टिप्पणी जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सेना के शिविर पर 18 सितम्बर को सीमा पार से हुए उस आतंकी हमले के बाद आई है, जिसमें 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद बारामूला में सेना के एक शिविर पर रविवार को आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीमा सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया।
उड़ी हमले के बाद भारत दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सम्मेलन से अलग हो गया, जिसे नवंबर में इस्लामाबाद में होना था। भारत ने इसके कारण के रूप में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करना बताया है। भारतीय सेना ने जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा के उस पार आतंक के लांच पैड्स पर सर्जिकल कार्रवाई की, जिसके कारण आतंकियों को और जो उनको समर्थन देने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें बहुत नुकसान हुआ।
मंगलवार को प्रेस को जारी संयुक्त बयान में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली ने सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की और उड़ी आतंकी हमले में शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर इन खतरों के मुकाबले को अपना सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत है। इसमें साइबर सुरक्षा भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत-सिंगापुर का रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग हमारे रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। दोनों देशों के समुद्र से लगे होने के नाते दोनों संचार के लिए समुद्री मार्ग को खुला रखे हुए हैं और समुद्र की अंतर्राष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था का सम्मान करते हैं, क्योंकि महासागर एक साझा संपत्ति हैं। बयान में कहा गया है, आसियान कार्ययोजना, पूर्वी एशिया समिट और आशियान क्षेत्रीय कार्ययोजना में हमारा सहयोग विश्वास और भरोसे के वातावरण में क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक खुली और समग्र संरचना निर्माण के लिए लक्षित है।
सिंगापुर को भारत के सबसे बड़े शुभचिंतकों में से एक करार देते हुए मोदी ने कहा कि ली द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मजबूत समर्थक रहे हैं। ली पांच दिवसीय भारत दौरे पर हैं। मोदी ने कहा कि सिंगापुर पहले से ही आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास में हमारा साझीदार है। राजस्थान भी सिंगापुर के साथ शहरी विकास और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में साझीदारी कर रहा है।
मोदी ने उदयपुर में पर्यटन प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का भी स्वागत किया। भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, ली और हम सिंगापुर में रुपये का कॉरपोरेट बांड जारी होने का स्वागत करते हैं। द्विपक्षीय संबंधों के महत्व की पुष्टि करते हुए प्रधानमंत्री ली ने कहा कि सिंगापुर भारत पर पूरा भरोसा करने वालों में से है और जहां वह अपना योगदान कर सकता है करेगा।
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली से मुलाकात की। ली के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ है। ली बुधवार को उदयपुर के लिए रवाना होने से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे। वहां सिंगापुर और राजस्थान सरकार के बीच कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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