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2011 में हुआ था ‘ऑपरेशन जिंजर’, तीन पाक सैनिकों के सिर काटकर लाए थे भारतीय जांबाज
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने साल 2011 में पाकिस्तानी सीमा में घुस कर एक घातक सर्जिकल कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिसमें कम से कम आठ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और तीन के सिर उतार लिए गए थे। यह खुलासा रविवार को प्रकाशित एक रपट से हुआ है। गत 29 सितम्बर को भारत की ओर से की गई सर्जिकल कार्रवाई को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चरम पर पहुंचे तनाव के बीच साल 2011 के ग्रीष्मकाल में हुए जैसे को तैसे हमले के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई है।
दैनिक समाचार पत्र द हिन्दू ने गोपनीय आधिकारिक दस्तावेजों, वीडियो और तस्वीरों को सबूत के रूप में उल्लेख करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान ने सीमा पार दो सर्जिकल कार्रवाई की थी, जिसमें 13 जवानों की मौत हुई थी। समाचार पत्र के अनुसार, मारे गए पांच जवानों के सिर उतार लिए गए थे। पाकिस्तानी सैनिकों ने दो भारतीय जवानों के सिर अपने साथ ले गए थे, जबकि एक को गंभीर रूप से घायल अवस्था में छोड़ दिया था, जिसकी मौत अस्पताल में हो गई थी।
अखबार ने कहा कि बदले की कार्रवाई करते हुए भारतीय सैनिक तीन पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काट कर ले आए थे। मेजर जनरल एस.के. चक्रवर्ती उस समय कुपवाड़ा स्थित 28 डिवीजन के प्रमुख थे और उन्होंने ही अभियान की योजना बनाई थी और उसे अंजाम दिया था। सेवानिवृत्त जनरल चक्रवर्ती ने भारतीय सर्जिकल कार्रवाई की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने इस पर विस्तारपूर्वक चर्चा करने से इनकार दिया।
अखबार के अनुसार, पाकिस्तानी छापेमारों ने 30 जुलाई, 2011 को कुपवाड़ा जिले की गुगलधार स्थित दूरस्थ चौकी को निशाना बनाया था। हमलावरों ने 20 कुमाऊं डिविजन के हवलदार जयपाल सिंह और लायंस नायक देबेंदर सिंह के सिर काट कर ले गए थे। 19 राजपूत राइफल्स के एक जवान ने घटना की जानकारी दी थी, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई थी।
बदले में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन जिंजर’ की योजना बनाई थी। समाचार पत्र के अनुसार, यह अभियान नियंत्रण रेखा के पार सबसे घातक हमलों में एक था। भारतीय अभियान के सटीक क्रियान्वयन की योजना बनाई गई थी। पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को चिन्हित करने के लिए यूएवी पर सात हवाई सर्विलांस लगाए गए थे।
अधिकाधिक मौतों के लिए पुलिस चौकी पर घात लगाकर हमले की योजना बनाई गई थी। अंतत: भारतीय सैनिकों ने 30 अगस्त, 2011 को गुप्त अभियान शुरू किया। पारा कमांडो के करीब 25 जवान छिपकर नियंत्रण रेखा के पार दाखिल हुए। उन्होंने हमले वाले क्षेत्र के चारों ओर बारूदी सुरंगें बिछा दी। एक कनिष्ठ कमीशंड अधिकारी के नेतृत्व में चार पाकिस्तानी जवान घात में फंस गए। बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया गया, हथगोले फेंके गए और उन पर गोलीबारी की गई।
एक पाकिस्तानी जवान नीचे बह रही नदी में गिर गया। भारतीय सैनिकों ने तीन मृत पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काट लिए और उनके रैंक चिन्ह, हथियार और अन्य निजी सामान भी उठा लाए। इसके बाद कमांडो ने मृत सैनिकों के शरीर में आईडी लगा दी, ताकि जब कोई उसे उठाने की कोशिश करे तो विस्फोट हो जाए।
दो से अधिक पाकिस्तानी सैनिक विस्फोट की आवाज सुनकर दौड़े। उन्हें हमला स्थल के निकट प्रतीक्षा कर रही दूसरी भारतीय टीम ने मार गिराया। अखबार के मुताबिक, दो अन्य पाकिस्तानी सैनिकों ने दूसरी भारतीय टीम को घेरने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कवर कर रही तीसरी भारतीय टीम ने पाकिस्तानियों को मार गिराया।
रपट में कहा गया है कि जब भारतीय जवान लौट रहे थे तो पाकिस्तानी सैनिकों के एक दल को कार्रवाई स्थल की ओर जाते देखा गया, लेकिन तुरंत उन्होंने एक बड़े विस्फोट की आवाज सुनी। संकेत था कि छिपाए गए आईडी में विस्फोट हुआ था। अभियान करीब 45 मिनट तक चला और सुबेदार परवेज, हवलदार आफताब और नायक इमरान के सिर लेकर भारतीय जवान नियंत्रण रेखा की ओर लौट आए।
कटे हुए सिर की तस्वीर खिंची गई और उन्हें दफना दिया गया। दो दिनों के बाद कमान के वरिष्ठ जनरलों में एक आए और सिर को खोद निकालने, जलाने और राख को किशनगंगा नदी में बहाने का आदेश दिया।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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