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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत अब भी रूस का प्रमुख विदेशी व्यापारिक साझेदार : पुतिन

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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनमास्को, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि भारत और रूस के बीच 2015 में हालांकि व्यापार में 7.8 फीसदी की गिरावट आई, पर भारत अब भी रूस का प्रमुख विदेशी व्यापारिक साझेदार देश बना हुआ है और व्यापार में यह नकारात्मक रूझान जल्द ही कम हो सकता है। पुतिन ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “भारत, रूस का प्रमुख विदेशी व्यापारिक साझेदार देश बना हुआ है। हालांकि, 2015 में दोनों देशों के बीच व्यापार 7.8 फीसदी घटा, लेकिन हम इस नकारात्मक रूझान से उबरने को लेकर प्रतिबद्ध है। हमारे ख्याल से यह वैश्विक बाजारों और विनिमय दरों में अस्थिरता से जुड़ा हुआ है।”

पुतिन ने इस सप्ताहांत गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन के लिए अपने भारत दौरे से पहले आईएएनएस और रूस की समाचार एजेंसी स्पूतनिक द्वारा ईमेल से भेजे गए प्रश्नों के जवाब में ये बातें कही।

पुतिन ने कहा कि व्यावसायिक आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच लाभप्रद हैं।

पुतिन ने कहा, “रूस और भारत के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग में ऊर्जा क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कुडमकुलम एनपीपी का निर्माण सबसे बड़ी लंबी अवधि की परियोजना है। अगस्त 2016 में मैंने और प्रधानमंत्री मोदी ने उस समारोह में भाग लिया जिसमें परमाणु बिजली संयंत्र की पहली ईकाई भारत को सौंपी गई। पहली और दूसरी इकाइयों के संचालन से भारत में बिजली आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी और उसकी ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।”

उन्होंने कहा कि दोनों देश परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में भी द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करेंगे।

सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकॉनोमिक फोरम के दौरान जून 2016 में रोजनेफ्ट और एक भारतीय कंशोíसयम ने वेंकोरनेफ्ट में 23.9 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए करार किया है।

इसके अलावा, रोजनेफ्ट ने तास-यूरयाख नेफ्टेगाजोडोब्याचा में भी हिस्सेदारी बेची है।

पुतिन ने कहा, “भारत में रूस की कई परियोजनाओं का न सिर्फ व्यावसायिक महत्व है, बल्कि इनका दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सामाजिक और आर्थिक भूमिका भी है। ये मोदी द्वारा प्रस्तावित नए भारतीय औद्योगीकरण कार्यक्रम में फिट बैठते हैं।”

पुतिन ने दोनों देशों के बीच निवेश सहयोग के स्तर के बारे में कहा, “भारत दौरे के दौरान हमें द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को गति देने की उम्मीद है। दोनों देशों की कंपनियां नई आपसी लाभप्रद परियोजनाओं को क्रियान्वित करने की इच्छुक हैं।”

उन्होंने कहा, “भारत में रूस का सामूहिक निवेश लगभग चार अरब डॉलर है जबकि भारतीय कारोबारों ने रूस की अर्थव्यवस्था में इससे दोगुना यानी लगभग आठ अरब डॉलर का निवेश किया है।”

पुतिन ने कहा कि प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर एक कार्यकारी समूह की स्थापना हुई है और यह अंतरसरकारी आयोग के ढांचे के भीतर सफलतापूर्वक काम कर रहा है।

फिलहाल, प्राथमिकता वाली 20 परियोजनाओं का चयन किया गया है। इसमें रूस की 10 परियोजनाएं और भारत की 10 परियोजनाएं हैं। ये परियोजनाएं परिवहन इंजीनियरिंग, रसायन उद्योग, विमानन उद्योग और औषधि उद्योग क्षेत्रों में हैं।

पुतिन ने कुल 200 अरब डॉलर की पूंजी के साथ न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) और ब्रिक्स कॉन्टिजेंट रिजर्व अरेंजमेंट (सीआरए) की स्थापना के बारे में कहा, “मुझे यकीन है कि यह बैंक और विकसित होगा। इसकी गतिविधियां बढ़ेंगी, जिसमें ब्रिक्स देशों के बीच एकीकरण को बढ़ावा देने वाली परियोजनाएं शामिल रहेंगी।”

पुतिन ने यह भी कहा कि रूस इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य, व्यापार में सुविधा (यूरेशियाई आर्थिक आयोग की भागीदारी के साथ) का समर्थन करता है। साथ ही छोटे और मझोले कारोबारों व बौद्धिक संपदा की सुरक्षा का समर्थन करता है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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