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अनेकता में एकता ही भारत की ताकत : मोदी
नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि अनेकता में एकता ही भारत की ताकत है। उन्होंने कहा कि यह हर पीढ़ी और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देश को महान बनाने की भावना को मजबूत करे।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 25वें संस्करण में कई मुद्दों पर बात की। दिवाली की शुभकामना दी, गुरु नानक को याद किया, जवानों के बलिदान को नमन किया और स्वच्छता अभियान पर भी बात रखी।
सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे जवान अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं। हमें यह दिवाली उनके नाम से मनानी चाहिए।”
उन्होंने देश के जवानों के पराक्रम की सराहना की और उन्हें संदेश भेजने के लिए देशवासियों का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा, “देश के प्रत्येक नागरिक को हमारे जवानों पर गर्व है।” उन्होंने कहा, “विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने हमारे जवानों को प्रेम व उत्साह के संदेश भेजे, ठीक उसी तरह जैसे अपनी सलामती के लिए वे दीए जलाते हैं।”
सशस्त्र बलों के कार्यो को नमन करते हुए मोदी ने कहा, “हमारे जवान ड्यूटी पर तैनात हैं और हमारी सुरक्षा कर रहे हैं। इसी वजह से हम दिवाली मना पा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) मनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल के योगदान को याद कीजिए। उन्होंने हमें एकीकृत भारत दिया और इसे एकीकृत रखना हमारी जिम्मेदारी है।”
मोदी ने कहा, “इतिहास गवाह है कि चाणक्य के बाद, वल्लभभाई पटेल थे जिन्होंने पूरे राष्ट्र को एक झंडे के नीचे एकजुट किया।”
मोदी ने कहा, “अनेकता में एकता देश की ताकत है। कई भाषाएं, जातियां, कपड़े पहनने के कई तरीके, कई तरह के खाने हैं और यही देश की खासियत है। यही भारत को मजबूत देश बनाने का मूलमंत्र है।”
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को दिवाली के मौके पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दिवाली का त्योहार साफ-सफाई से जुड़ा हुआ है, हर कोई इसमें अपने घर की सफाई करता है।
उन्होंने कहा कि दिवाली अब भारत तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि किस तरह ब्रिटेन की प्रधाननमंत्री थेरेसा मे ने लंदन में दिवाली पर आयोजन किया और ब्रिटेन के हर शहर में दिवाली मनाई गई। यही बात सिंगापुर पर भी लागू होती है।
उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे पटाखे छोड़ते समय बच्चों के साथ रहें। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में छठ पर्व की महत्ता दर्शाते हुए कहा कि यह एकमात्र पर्व है, जिसमें लोग अस्त होते सूर्य की पूजा करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दुनिया भर में लोग उगते सूर्य की पूजा करते हैं, लेकिन छठ एकमात्र ऐसा त्योहार है, जिसमें लोग अस्त होते सूर्य की अराधना करते हैं, जो एक बड़ा सामाजिक संदेश देता है।”
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में गुरु नानक देव के उपदेशों को याद किया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव का जीवन और उपदेश आज के लोगों के लिए प्रेरणादायी हैं।
मोदी ने कहा, “कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक देव का जन्मदिन प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। उनके उपदेश भारतीय ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु नानक देव के सिद्धांतों को अपने सरकार के आदर्श वाक्य से जोड़ते हुए कहा कि गुरु नानक देव का उपदेश सभी तरह के भेदभाव दूर करने के लिए प्रेरित करता है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ गुरु नानक देव के दिए गए गैर-भेदभाव के मंत्र पर आधारित है।
मोदी ने सिख विरोधी दंगों को भी याद किया और कहा कि 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किस प्रकार सिखों को हिंसा व पीड़ा का शिकार होना पड़ा था।
प्रधानमंत्री ने देश में खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) होने की सभी राज्यों की प्रगति पर खुशी जाहिर की। उन लोगों की प्रशंसा की, जिन्होंने अपने इलाकों में ओडीएफ में मदद करने का काम किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने उस घटना का जिक्र किया, जिसमें एक सैन्यकर्मी ने अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए हजारों रुपये दान में दे दिए।
उन्होंने कहा, “आईटीबीपी के विकास ठाकुर हिमाचल प्रदेश में अपने गांव में छुट्टी पर थे। उन्हें पता चला कि गांव के कुछ लोग पैसे के आभाव में शौचालय बनवाने में असमर्थ हैं। उन्होंने गांव के प्रधान को 5700 रुपये की मदद देकर गांव के 57 परिवारों के लिए शौचालय बनवाने को कहा।”
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स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0: छठ महापर्व पर घाटों की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए योगी सरकार ने बढ़ाए कदम
लखनऊ| छठ महापर्व के अवसर पर योगी सरकार प्रदेश में स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0 का आयोजन कर रही है। 8 नवम्बर, 2024 तक आयोजित इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य घाटों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, और प्लास्टिक मुक्त परिवेश सुनिश्चित करना है। विभिन्न निकायों के बीच इस प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए अनेक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया है।
स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जागरूकता लाने का प्रयास
प्रतियोगिता के अंतर्गत घाटों पर साफ-सफाई बनाए रखने हेतु अर्पण कलश स्थापित किए गए हैं, जिससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही, घाटों को नो प्लास्टिक जोन घोषित किया गया है ताकि प्लास्टिक और थर्माकोल के उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सके।
सुविधाएं और रखरखाव पर विशेष ध्यान
प्रतियोगिता के दौरान घाटों पर शौचालयों और स्नान घरों की स्थापना की जा रही है। इन सुविधाओं का नियमित रखरखाव भी सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वच्छ सारथी क्लब, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, एनजीओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी से इन सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया जा रहा है।
नवाचार और सौंदर्यीकरण
घाटों का सौंदर्यीकरण और पूर्ण रूप से बदलाव लाने के लिए नवाचार गतिविधियों का आयोजन किया गया है। कूड़े के उचित निपटान हेतु डस्टबिन की व्यवस्था की गई है ताकि घाट क्षेत्र हमेशा साफ-सुथरा बना रहे। साथ ही, घाटों की स्वच्छता में अधिकतम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
सामाजिक संगठनों की भूमिका
इस स्वच्छता अभियान में एनजीओ, सीएसओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इन संगठनों द्वारा घाटों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाया जा रहा है।
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