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‘रीता बहुगुणा को सता रहा था अपर्णा का खौफ’
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। उप्र कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने हाल ही में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी को ‘डरपोक’ नेता बताया। उन्होंने कहा कि रीता बहुगुणा को मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव से हार का डर था, इसलिए वह भाजपा में चली गईं। राज बब्बर ने लखनऊ में एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में कहा, रीता जी को डर था कि इस बार विधानसभा चुनाव वह जहां से लड़ेंगी, वहां समाजवादी पार्टी का एक दमदार चेहरा है।
उन्होंने कहा कि सपा ने यहां से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतारा है। ऐसी स्थिति में उन्हें लगा कि वह अपर्णा से जीत नहीं पाएंगी, इसी डर की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी। राज बब्बर ने रीता बहुगुणा के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कई बार कहने पर भी रीता को समय नहीं दे रहे थे। उन्होंने कहा कि रीता बहुगुणा दो बार प्रदेश अध्यक्ष बनीं तो किसकी सहमति से बनीं, जाहिर है राहुल गांधी की सहमति से ही बनीं।
राज बब्बर ने दावा किया कि 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव भाजपा हार रही है। उन्होंने कहा, मैं तो हर जगह जनता से अपील करूंगा कि वे धोखा देने वालों को दुबारा न चुनें। मुझे भरोसा भी है कि जनता इस बार विकास के सही रास्ते पर चलेगी। फिल्म अभिनेता से नेता बने राज बब्बर ने कहा कि वह मुसलमानों को कोई सलाह नहीं देना चाहते, वे जो भी विचार करेंगे वो अच्छा ही होगा।
केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह को इलाज कराने की सलाह देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, उन्हें इलाज की जरूरत है। राज बब्बर दरअसल वीके सिंह के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि आत्महत्या करने वाला रिटायर्ड फौजी राम किशन ग्रेवाल कांग्रेसी था और उसने पंजे के निशान पर सरपंच का चुनाव भी लड़ा था।
राजबब्बर ने कहा कि वी.के. सिंह को पता नहीं है कि सरपंच का चुनाव किसी पार्टी के सिम्बल पर नहीं लड़ा जाता। राज बब्बर ने कहा, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी प्रचार करेंगी, इससे कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा। उनसे चर्चा हुई है, वह पार्टी के लिए प्रचार करने को तैयार हैं। उन्हें जितना समय मिलेगा उसका कांग्रेस पार्टी भरपूर इस्तेमाल करेगी।
राज बब्बर ने कहा कि अभी यह तय नहीं है कि प्रियंका गांधी कब और कितने क्षेत्रों में प्रचार चुनाव प्रचार करेंगी। विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कुछ भी नहीं है। कांग्रेस कभी गिनतियों के लिए गठबंधन नहीं करती। अगर ऐसी कोई जरूरत महसूस होगी तो गंभीरता से विचार किया जाएगा।
प्रशांत किशोर और मुलायम सिंह की नई दिल्ली में मुलाकात को उन्होंने व्यक्तिगत बताया। राज बब्बर ने कहा कि प्रशांत किशोर कांग्रेस के रणनीतिकार हैं। गठबंधन पर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। प्रशांत कांग्रेस के राजनीतिक विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आगे आए हैं।
राज बब्बर ने कहा कि ‘27 साल यूपी बेहाल’ और ‘किसान यात्रा’ पर कांग्रेस को जोरदार समर्थन मिला है। राहुल गांधी की किसान यात्रा बेहद सफल रही है। दोनों यात्राओं को भरपूर जनसमर्थन मिला है। उन्होंने कहा, राहुल ने यात्रा के दौरान किसानों की आवाज उठाई। कांग्रेस हमेशा से किसानों और गरीबों की आवाज उठती रही है। हमने जो वादा किया है उसे भी सरकार बनने के बाद पूरा करेंगे।
समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिलने की बाबत राज बब्बर ने कहा, मैं तो कल शाम को ही लखनऊ आया हूं। पार्टी कार्यालाय को अगर निमंत्रण भेजा गया हो तो मुझे नहीं मालूम, जब पहुंचूंगा तो देखूंगा। निमंत्रण मिलने पर क्या सपा के रजत जयंती समारोह में जाएंगे, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, निमंत्रण मिलने पर विचार करूंगा।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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