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प्रादेशिक

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे नेताजी के लिए बेहतरीन तोहफा : अखिलेश

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे नेताजी के लिए बेहतरीन तोहफा : अखिलेश

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे समाजवादी सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी जिसका का वादा समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में किया था। अब उन्होंने इस वादे को पूरा कर नेताजी (मुलायम सिंह) को एक बड़ा तोहफा दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्नाव के बांगरमऊ में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि सपा की सरकार में जितना विकास हुआ, उतना कभी नहीं हुआ। सड़कें जितनी अच्छी बनेंगी, अर्थव्यवस्था की रफ्तार उतनी ही तेज होगी और निवेश भी बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी ने एक्सप्रेस-वे निर्माण तय समय सीमा के भीतर पूरा करने को कहा था, जिसे उन्होंने पूरा करके दिखा दिया। इसके बाद अब लखनऊ से बलिया तक समाजवादी एक्सप्रेस-वे बनाने का काम पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सपा ने विकास के बहुत काम किए हैं। लखनऊ में जल्द ही मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत हो जाएगी। सपा सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना लागू की। लाखों लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। छात्रों को लैपटॉप दिए गए। विकास के मामले में उप्र अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन रहा है।

अखिलेश ने कहा कि उन्होंने ऐसा एक्सप्रेस-वे बनाया है, जहां मुसीबत के समय हवाई जहाज भी उतारे जा सकते हैं। यह सड़क हमेशा देश के काम आएगी।

समारोह के दौरान सांसद जया बच्चन और मुख्यमंत्री अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव भी मौजूद थीं।

मुख्यमंत्री ने रविवार को हुए ट्रेन हादसे के कारण इस मौके पर आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए।

उल्लेखनीय है कि लखनऊ -आगरा के बीच छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे 302 किलोमीटर लम्बा है। लखनऊ-आगरा के बीच उन्नाव में एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बनी है, जहां जरूरत पड़ने पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकते हैं। एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी तीन किलोमीटर लंबी है।

एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3,500 हेक्टेयर भूमि 30,456 किसानों की सहमति से खरीदी गई। जमीन के लिए भुगतान को छोड़कर परियोजना की अनुमानित लागत 11526.73 करोड़ रुपये तय की गई थी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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