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बिजनेस

एक्सिस बैंक ने मर्चेंट छूट दर में की माफी की घोषणा

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एक्सिस बैंक, मर्चेंट छूट दर, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल

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एक्सिस बैंक, मर्चेंट छूट दर, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल

axis bank

लखनऊ। भारत के तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक एक्सिस बैंक ने केंद्र सरकार की विमुद्रीकरण योजना के समर्थन और अपने व्यापारियों तथा ग्राहकों की सुविधा एवं आसानी के लिए आज डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर मर्चेंट छूट दर (एमडीआर) लेन-देन शुल्क माफ करने की घोषणा की है।

बैंक ने एक्सिस बैंक टर्मिनलों (व्यापारियों के यहां) पर डेबिट कार्ड का इस्तेमाल होने पर लगने वाला सर्विस चार्ज माफ कर दिया है जो आज मध्यरात्रि से 31 दिसंबर, 2016 तक प्रभावी रहेगा। इसके साथ-साथ बैंक ने प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) टर्मिनलों पर नकदी निकालने की सुविधा देने के लिए व्यापारियों के साथ एक करार भी किया है। तेज़ गति से लेन-देन संपन्न होने के लिए बैंक पीओएस टर्मिनलों पर अपनी कॉन्टैक्ट-लेस तकनीक भी मुहैया कराएगा।

एक्सिस बैंक अपने भागीदारों को लगातार डिजिटल बैंकिग चैनल अपनाने की शिक्षा दे रहा है। बैंक ने स्थानीय किराना भंडारों, ऑटोरिक्शा चालकों, सब्ज़ी-दूध बेचने वालों और अन्य फेरीवालों को क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाया है।

यह डिजिटल पहल ग्राहकों के लिए सुविधाजनक है और छोटे वेंडरों को कैशलेस लेन-देन करने में समर्थ बना रही है। बैंक ने नक़दी निकालने के लिए कॉर्पोरेटों, पुलिस संस्थानों, हवाईअड्डों और हाउसिंग सोसाइटियों में अलग से माइक्रो एटीएम सुविधा भी दे रखी है।

एक्सिस बैंक के बारे में:

एक्सिस बैंक भारत का तीसरा बड़ा प्राइवेट सेक्टर बैंक है। एक्सिस बैंक विशाल ग्राहक वर्ग को सेवाओं का समूचा फलक प्रदान करता है जिसमें बड़े और मझोले कॉर्पोरेट्स, एसएमई, कृषि एवं खुदरा व्यापार शामिल है।

देश भर में अपनी 3106 घरेलू शाखाओं (एक्सटेंशन काउंटरों समेत) तथा 13,448 एटीएमों (30 सितंबर, 2016 तक) के साथ एक्सिस बैंक का नेटवर्क 1920 शहरों और कस्बों तक फैला हुआ है। इस नेटवर्क के बल पर बैंक ग्राहकों के बड़े वर्ग तक अपनी पैठ बना चुका है और उनके लिए उत्पादों तथा सेवाओं  की झड़ी लगाने में समर्थ है।

बैंक के 9 ओवरसीज कार्यालय भी हैं जिनमें सिंगापुर, हॉंगकॉंग, दुबई (डीआईएफसी में), शंघाई और कोलंबो की शाखाएं शामिल हैं। बैंक ने प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यालय भी खोल रखे हैं जो दुबई, अबू धाबी तथा ढाका में स्थित हैं। इसके साथ-साथ एक ओवरसीज सब्सिडियरी भी है जो लंदन (यूके) में खुली है। बैंक की वेबसाइट इसके उत्पादों तथा सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देती है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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