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प्रादेशिक

झारखंड : भूमि कानून के विरोध के कारण रघुवर का विदेश दौरा टला

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मुख्यमंत्री रघुवर दास, विदेश, झारखंड, विधेयक, एनटीपीसी

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मुख्यमंत्री रघुवर दास, विदेश, झारखंड, विधेयक, एनटीपीसी

                                                                           रघुवर दास

रांची | झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपना विदेश दौरा स्थगित कर दिया, जो निवेशकों को रिझाने के लिए नियोजित किया गया था। उद्योगपतियों को भूमि अधिग्रहण की सुविधा प्रदान करने के लिए दो भूमि कानूनों में संशोधन के बाद बढ़ते विरोध के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने अपना विदेश दौरा स्थगित कर दिया है।

एक अधिकारी ने कहा कि फरवरी, 2017 में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए निवेशकों को लुभाने हेतु मुख्यमंत्री दास पांच दिवसीय चीन के दौरे पर 29 नवम्बर को रवाना होने वाले थे।

यह दूसरा मौका है, जब मुख्यमंत्री ने अपना दौरा स्थगित किया है।

अधिकारियों के अनुसार, विदेश दौरे के कार्यक्रम फिर से बनाए गए हैं, लेकिन अगली तिथि स्पष्ट नहीं है।

दास पहले 21 अक्टूबर को चीन रवाना होने वाले थे, लेकिन दो भूमि अधिनियमों के खिलाफ गत 22 अक्टूबर की रैली कारण यह स्थगित हो गया था।

झारखंड सरकार दो भूमि कानूनों -संथाल परगना काश्तकारी कानून और छोटानागपुर काश्तकारी कानून- में संशोधन के लिए विधेयक पारित कराने में सफल हो गई थी। संशोधन विधेयक विपक्ष के भारी विरोध के बीच गत 23 अक्टूबर को विधानसभा में पेश किया गया था।

संशोधन विधेयक को बिना किसी बहस के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था।

संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद कृषि भूमि का उपयोग गैर कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

सरकार मूलभूत संरचना, ऊर्जा संयंत्रों, सड़कों, नहरों, पंचायत भवनों और अन्य उद्दश्यों के लिए भूमि अधिग्रहण कर सकती है।

विपक्षी पार्टियों ने 25 नवम्बर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ था।

दास अमेरिका के दौरे पर थे, जब गत एक अक्टूबर को हजारीबाग जिले के बोकारो में पुलिस गोलीबारी हुई थी। पुलिस गोलीबारी में भूमि अधिग्रहण के विरोध कर रहे चार ग्रामीणों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री दो अक्टूबर को अमेरिका से वापस लौट आए थे।

बोकारो के निवासी कोयला खनन के लिए एनटीपीसी द्वारा भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें समुचित मुआवजा नहीं दिया गया है।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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