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प्रादेशिक

बिहार विधानसभा में नोटबंदी, कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा

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बिहार विधानसभा में नोटबंदी, कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा

पटना | बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को सत्ताधारी और विपक्ष के सदस्यों द्वारा अलग-अलग मुद्दों पर हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य वेल में आकर नोटबंदी को लेकर हंगामा करने लगे। राजद विधायकों ने सरकार से नोटबंदी के दौरान पुराने नोट बदलवाने के लिए मची अफरा-तफरी में मारे गए लोगों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की।

विधायकों ने कहा कि नोटबंदी से बिहार के मजदूर-किसानों के साथ आम आदमी हाल-बेहाल है।

इधर, भाजपा के सदस्यों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राज्य में गिरती कनून-व्यवस्था को लेकर हंगामा किया।

भाजपा विधायकों ने बिहार सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर प्रहार किया। भाजपा विधायकों ने कहा कि राज्य में रोजाना अपहरण, दुष्कर्म, हत्या, पत्रकारों की हत्या और लूट जैसी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई कारवाई नहीं की जा रही है।

इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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