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बड़े नोट पर पाबंदी संबंधित याचिका पर दो दिसम्बर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

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Supreme-Court newनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दो दिसंबर को उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें 500, 1,000 तथा 2,000 रुपये के नोट पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की मांग की गई है। इन बड़े नोटों पर पाबंदी के लिए तर्क दिया गया है कि इससे काले धन तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एल.नागेश्वर राव की पीठ ने उस जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जता दी है, जिसमें बड़े नोटों पर पाबंदी लगाने की मांग की गई। याचिका में काले धन को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए देश के विकास के लिए बड़े नोटों को बंद करने की मांग की गई है।

जनहित याचिका अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है, जिन्होंने कहा है कि यह आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) लोगों, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन-यापन करने वालों तथा सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

याचिका के मुताबिक, भारत की 78 फीसदी से अधिक आबादी रोजाना 50 रुपये से कम की खपत करती है और उन्हें 100 रुपये से ऊपर के नोट की जरूरत नहीं है। याचिका में कहा गया है, 5,000 रुपये तक के नकद लेनदेन को प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए तर्क दिया गया है कि बड़े नोटों को वापस लेने से भारी तादाद में बैंकिंग से दूर लोग बैंकिंग के प्रति आकर्षित होंगे।

याचिकाकर्ता ने कहा, इससे अर्थव्यवस्था असंगठित से संगठित होगी, जो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अनुरूप है, जो अगले साल से लागू होने वाला है। याचिका में आयकर सहित सभी 56 करों को खत्म करने तथा क्रेडिट रकम पर एक फीसदी की दर से बैंकिंग ट्रांजैक्शन टैक्स (बीटीटी) लगाने की मांग की गई है।

याचिका के अनुसार, 5,000 रुपये से ऊपर का लेनदेन बैंकिंग प्रणाली जैसे चेक, डिमांड ड्राफ्ट, ऑनलाइन तथा इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के माध्यम से होना चाहिए और 5,000 रुपये के नकद लेनदेन पर कोई कर नहीं होना चाहिए।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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