प्रादेशिक
कैशलेश अभियान को ठेंगा दिखा रही एमपी में एसी निजी बस सेवा
भोपाल। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन कारोबार से लेकर रेलवे टिकट की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की रियायतें देने का ऐलान किया गया है, पर मध्य प्रदेश में चलने वाली वातानुकूलित निजी बस का ऑनलाइन टिकट खिडक़ी से लिए गए टिकट से प्रति व्यक्ति 13 प्रतिशत महंगा है।
आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1,000 रुपये के नोट अमान्य कर दिए जाने के बाद से लोगों को बैंकों और एटीएम के आगे लंबी कतारें लगानी पड़ रही है, तो दूसरी ओर सरकार कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। अब तो सरकार ने ऑनलाइन लेन-देन करने पर कई तरह की रियायतें भी दी हैं।
एक तरफ केंद्र सरकार ने ऑनलाइन लेन-देन पर रियायत दी है। रेलवे का टिकट ऑनलाइन बुक कराने पर 31 दिसंबर तक सर्विस टैक्स की छूट का ऐलान किया है, पर मध्यप्रदेश में चलने वाली वातानुकूलित बस पर ऑनलाइन टिकट लेने पर प्रति यात्री 13 प्रतिशत बुकिंग चार्ज देना पड़ता है।
भोपाल से इंदौर का वातानुकूलित बस का किराया 330 रुपये है, तो ऑनलाइन बुकिंग करने पर 373 रुपये देना पड़ता है। इसमें 43 रुपये प्रति यात्री ऑनलाइन बुकिंग चार्ज होता है। इसी तरह इंदौर से जबलपुर का किराया 1100 रुपये है और उस पर बुकिंग चार्ज 143 रुपये लगता है।
यहां बताना लाजिमी है कि राज्य में सरकारी परिवहन सेवा नहीं है। पूर्व में मध्य प्रदेश सडक़ परिवहन निगम हुआ करता था, जो वर्ष 2008 में बंद किया जा चुका है। वर्तमान में यहां परिवहन सेवा पूरी तरह निजी हाथों में है, यही कारण है कि इन बस संचालकों द्वारा मनमाना किराया वसूला जाता है।
अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) संदीप सोनी ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान स्वीकार किया कि वातानुकूलित बस उदाहरण के तौर पर चार्टर, ओमशांति ओम सहित अन्य कंपनी ऑनलाइन बुकिंग के लिए दूसरे प्लेटफार्म का उपयोग करती है। लिहाजा, उन्हें उस कंपनी को चार्ज देना होता है, जिसके चलते ऑनलाइन टिकट महंगा है।
उन्होंने बताया कि यात्रियों पर ऑनलाइन बुकिंग का भार कम करने के लिए एआईसीटीएसएल द्वारा इंफीनिट इंफोटेक से समझौता किया जा रहा है, इसके चलते ऑनलाइन टिकट के लिए अन्य कंपनी का प्लेटफार्म उपयोग करने पर लगने वाला चार्ज कम हो जाएगा।
इंफीनिटी इंफोटेक कंपनी, ऐसी कंपनी है जो एप्लीकेशन, वेबसाइट और सॉफ्टवेयर बनाने का काम करती है। एआईसीटीएसएल इसी कंपनी से समझौता करने वाली है, इसी कंपनी के प्लेटफार्म के जरिए विभिन्न बस कंपनियां ऑनलाइन टिकट बुक कराने की सुविधा देंगी।
सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मेल आईडी पर बस की ऑनलाइन बुकिंग पर लगने वाले चार्ज की शिकायत की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से ऑफलाइन और ऑनलाइन बस टिकट के किराये में अंतर की ओर ध्यान दिलाते हुए आग्रह किया था कि किराये की विसंगति को खत्म किया जाए।
राज्य में चलने वाली वातानुकूलित बस सेवा पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि प्रमुख शहरों को जोडऩे के लिए ये बसें बड़ी संख्या में चल रही हैं। भोपाल-इंदौर के बीच सिर्फ चार्टर बसें ही 44 फेरे लगाती हैं। इसी तरह अन्य बस सेवाएं भी इंदौर-भोपाल, इंदौर-मंदसौर, इंदौर-नीमच, इंदौर-ग्वालियर, इंदौर-जबलपुर, भोपाल-रीवा, भोपाल-जबलपुर सहित प्रमुख स्थानों को जोड़ती हैं।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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