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बिजनेस

निवेशक रखेंगे तीसरी तिमाही के परिणामों पर नजर

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मुंबई| किसी पूर्व निर्धारित आर्थिक आंकड़ों और घोषणा के कार्यक्रम के अभाव में शेयर बाजारों के निवेशकों की निगाह मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के परिणामों पर टिकी रहेगी। आगामी सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी।

जनवरी के दूसरे सप्ताह से कंपनियों के तीसरी तिमाही के परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। परिणाम जारी करने का दौर फरवरी के दूसरे सप्ताह तक चलेगा। निवेशक इन परिणामों के साथ मिलने वाली कंपनी की भावी रणनीति और आय की संभावना पर विशेष ध्यान रखेंगे, जो उन्हें भावी निवेश की दिशा अपनाने में मदद करेंगे।

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस तीसरी तिमाही का परिणाम शुक्रवार (नौ जनवरी) को जारी करेगी। निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है और यह 55 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चल रहा है, जो कुछ ही महीने पहले 115 डॉलर प्रति बैरल था।

कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है। रुपये के अवमूल्यन से हालांकि तेल मूल्य गिरावट का फायदा सीमित रह सकता है।

वैश्विक बाजारों में बैंक ऑफ इंग्लैंड गुरुवार (8 जनवरी) को मौद्रिक नीति की समीक्षा के लिए बैठक करेगा। अमेरिका दिसंबर महीने के लिए शुक्रवार (नौ जनवरी) को गैर कृषि रोजगार के आंकड़े जारी करेगा। इसी दिन अमेरिका दिसंबर महीने के लिए बेरोजगारी के आंकड़े भी जारी करेगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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