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प्रादेशिक

बिहार के स्कूलों में अंग्रेजी अनिवार्य हो : भाजपा

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भाजपा, स्कूलों में अंग्रेजी अनिवार्य, बीआईए ऑडिटोरियम, शिक्षा व्यवस्था, भारतीय जनता पार्टी

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भाजपा, स्कूलों में अंग्रेजी अनिवार्य, बीआईए ऑडिटोरियम, शिक्षा व्यवस्था, भारतीय जनता पार्टीपटना | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डॉ. प्रेम कुमार ने शनिवार को यहां सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाए जाने की मांग करते हुए कहा कि अब अंग्रेजी मात्र एक विषय नहीं, बल्कि भारत सरकार ने इसे ‘स्किल’ के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है।

अंग्रेजी शिक्षण के क्षेत्र में देश के अग्रणी संस्थान ‘ब्रिटिश लिंग्वा’ के तत्वावधान में स्थानीय बीआईए ऑडिटोरियम में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था को अंगीकार कर इसे वर्तमान व्यवस्था के साथ तारतम्य स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण बनाने की जरूरत जताई।

प्रेम कुमार ने कहा, “आज समाज में शिक्षा के स्तर पर भी दो वर्ग बन गए हैं। एक वर्ग, जिसके बच्चे अंग्रेजी माध्यम वाले प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं, जिनके पास आधुनिक शिक्षा पैसे के बल पर उपलब्ध है, वहीं दूसरी ओर सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र हैं, जिनके लिए स्कूलों में ढंग का बेंच और डेस्क भी उपलब्ध नहीं है।”

उन्होंने प्राचीन नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा, “हमारा इतिहास काफी गौरवशाली रहा है, उसे फिर से प्राप्त करना एक चुनौती है।” उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए बिहार भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री हरेंद्र प्रताप ने आह्वान किया, “हम पश्चिम का अंधानुकरण करने के बजाय प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन करे।”

वैदिक गणित की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह अंग्रेजी परंपरा की गणित से अधिक फलदायी है। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए ब्रिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक डॉ. बीरबल झा ने कहा कि शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए इसे कौशल से जोड़ने की जरूरत है।  उन्होंने कहा, “भूमंडलीकरण के दौर में अंग्रेजी का महत्व काफी बढ़ गया है।

आने वाले समय में अगर हम भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं, तो हमें शिक्षा को मानव मूल्य से जोड़ते हुए तकनीक को भी प्रमुखता देनी होगी।” झा ने कहा, “हम जल्द ही अंग्रेजी को मैट्रिक में अनिवार्य करने के लिए सरकार को एक ज्ञापन देने जा रहे हैं।” वहां उपस्थित विपक्ष के नेता ने इस विषय को आगामी सत्र में सदन में उठाने का भरोसा दिया।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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