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प्रादेशिक

उत्तराखंड व पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा : मायावती

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उत्तराखंड व पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा : मायावती

लखनऊ | निर्वाचन आयोग द्वारा बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड और पंजाब में बिना किसी से गठबंधन किए अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि बसपा के पक्ष में लहर को देखते हुए किसी के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन या समझौता नहीं किया जाएगा।

साथ ही उन्होंने निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि निष्पक्ष चुनाव के लिए वह केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश करने के बजाय मतदान की अंतिम तारीख के बाद पेश करे, जैसा साल 2012 में किया गया था।

बसपा मुखिया ने कहा कि खासकर उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव के लिए जरूरी था कि यहां कई चरणों में मतदान कराए जाएं और सात चरणों में चुनाव कराने का निर्वाचन आयोग का फैसला स्वागत योग्य है।

मायावती ने कहा, “प्रदेश में मौजूदा समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में हर तरह का अपराध चरम पर पहुंच गया है। अराजकता और जंगलराज का दौर लगातार जारी है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए सरकार द्वारा पुलिस व प्रशासन का लगातार इस्तेमाल जारी है। आगे भी सपा की काम चलाऊ सरकार द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की आशंका है। निर्वाचन आयोग के सामने यह एक चुनौती है। इसके लिए जरूरी है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक तैनाती हो। स्थानीय पुलिस पर भी कड़ी नजर रखी जाए और उन्हें मनमाना व पक्षपाती रवैया अपनाने से रोका जाए।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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