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अन्तर्राष्ट्रीय

महाभियोग की सुनवाई की दौरान फिर गायब रहीं दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति

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महाभियोग की सुनवाई की दौरान फिर गायब रहीं दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति

सियोल | दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे गुरुवार को संवैधानिक अदालत द्वारा अपने खिलाफ महाभियोग की सुनवाई के दौरान फिर अनुपस्थित रहीं। समाचार एजेंसी योनहाप की खबर के मुताबिक, पार्क को मंगलवार को पहली औपचारिक सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने के बाद बयान दर्ज कराने को कहा गया था।

अदालत के एक फैसले के तहत पार्क के राष्ट्रपति पद के अधिकार पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं।

हालांकि, कानून के मुताबिक उन्हें उपस्थित रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उनके वकीलों ने कहा है कि कार्यवाही के दौरान उनके अनुपस्थित रहने की ही संभावना है।

संवैधानिक अदालत की नौ सदस्यीय पीठ ने पार्क के वकीलों और महाभियोग लगाने वाली नेशनल असेंबली के मौखिक तर्को के साथ बहस सत्र की शुरुआत की। नेशनल असेंबली ने उनकी विश्वास पात्र चोई सून सिल के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को लेकर नौ दिसंबर 2016 को उन पर महाभियोग लगाया था।

संसदीय कानून एवं न्यायपालिका कमेटी के अध्यक्ष रेप.क्लोन सियोंग-डोंग ने न्यायाधीशों से पार्क को पद से हटाने की मांग की। उनका कहना है पार्क के कार्यकलापों से संविधान और कानून का उल्लंघन हुआ है।

उन्होंने खासकर उन आरोपों का उल्लेख किया जिनमें कहा गया है कि राष्ट्रपति ने चोई सून सिल को गोपनीय दस्तावेज दिए और कंपनी समूहों से बड़े स्तर पर धन की वसूली की।

पार्क के वकीलों में शामिल ली जूंग ह्वान ने इन आरोपों को गलत करार दिया और कहा कि इसमें सबूतों का अभाव है और यहां तक कि कानूनी आधार भी नहीं है।

उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि राष्ट्रपति ने सैमसंग को उसकी दो कंपनियों के विलय का समर्थन करने के बदले दो सांस्कृतिक एवं खेल संस्थाओं को बहुत अधिक चंदा देने को कहा।

पार्क ने खुद को बेकसूर करार दिया है और कहा है कि उनके खिलाफ आरोप मनगढ़ंत हैं।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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