खेल-कूद
तीनों प्रारूपों में एक ही कप्तान चाहता था : महेंद्र सिंह धौनी
पुणे। हाल ही में एकदिवसीय और टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने वाले महेन्द्र सिंह धौनी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मानना है कि कि खेल के तीनों प्रारूपों में एक ही कप्तान होना चाहिए। इसी कारण उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। धौनी टेस्ट टीम की कप्तानी पहले ही छोड़ चुके थे। अब उन्होंने एकदिवसीय और टी-20 टीम की कप्तानी भी छोड़ दी है। इससे विराट कोहली के तीनों प्रारूप का कप्तान होने का रास्ता साफ हो गया।
धौनी ने कहा की टीम के लिए हर प्रारूप में अलग-अलग कप्तान होना अच्छा नहीं है। सभी प्रारूप में एक कप्तान रहने से टीम बेहतर होती है। उन्होंने कोहली को कप्तानी सौंपने का यह सही समय बताया। धौनी ने इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला से पहले पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बातें कहीं।
धौनी ने कहा, “टेस्ट कप्तान के रूप में इस्तीफा देने के समय से ही मुझे पता था कि भारत में दो कप्तानों की रणनीति कभी काम नहीं करेगी।” सीमित ओवरों की टीम में विकेटकीपर के तौर पर शामिल धौनी ने कहा कि वह कोहली के टेस्ट कप्तान के तौर पर सहज होने का इंतजार कर रहे थे और इसीलिए उन्होंने सही समय पर कप्तानी से इस्तीफा देने का फैसला किया।
धौनी ने कहा, “मैं सही समय का इंतजार कर रहा था। मैं चाहता था कि कोहली टेस्ट प्रारूप में अपने पैर जमा लें। मेरे फैसला गलत नहीं है। यह समय की बात थी और मुझे लगा कि अब इस्तीफा देने का सही समय है।” धौनी ने विराट कोहली की कप्तानी की तारीफ की और कहा कि वह हमेशा से अपने आप में सुधार करना चाहते थे।
धौनी ने कहा, “कोहली और मैं शुरू से ही साथ में रहे हैं। वह हमेशा सुधार करना चाहते हैं और टीम में अपना योगदान देना चाहते हैं। मेरा मानना है कि विराट की कप्तानी वाली टीम सबसे सफल टीम है।” धौनी ने कहा कि 2014 में आस्ट्रेलिया टेस्ट श्रृंखला के बीच में टेस्ट कप्तान के रूप में इस्तीफा देने के पीछे रिद्धिमान साहा को अवसर प्रदान करना था, जो दूसरे विकेटकीपर के तौर पर उभर रहे हैं।
धौनी ने कहा, “मैंने यह फैसला क्यों किया, इसके लिए आपको गहराई से सोचने की जरूरत है। सबसे अधिक जरूरी क्या है? साहा टीम में थे और अंतिम टेस्ट मैच से पहले कप्तानी छोड़ने के कारण उन्हें विकेटकीपर के रूप में एक और मैच खेलने का मौका मिल रहा था। ” धौनी ने साथ ही कहा कि वह टीम हित में अपने बल्लेबाजी क्रम में भी बदलाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने इससे पहले हुए अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव के कारण भी बताए।
धौनी ने कहा, “शीर्ष क्रम के बल्लेबाज अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और मुझे लगा कि निचले क्रम में कोई तेजी से रन बनाने वाला बल्लेबाज नहीं है। इसलिए मैंने निचले क्रम में बल्लेबाजी करने का फैसला किया।” धौनी ने कहा, “कई वर्षो से मैंने टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया। मुझे आगे जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसके हिसाब से मैं दोबारा भी बल्लेबाजी करने को तैयार हूं।”
धौनी ने कहा, “एक क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर 2007 के बाद से कई चीजें बदली हैं। मैंने 2004 में पदार्पण किया था और 2007 में मुझे कप्तानी दी गई। अगर मैं वहां से अपना सफर देखूं तो मुझे टीम की जरुरत के हिसाब से बदलाव करने पड़े हैं। मैंने निचले क्रम में बल्लेबाजी से शुरुआत की थी और फिर ऊपर आया। मेरा बल्लेबाजी क्रम कभी तय नहीं रहा। मुझे 25-30 ओवर बल्लेबाजी करने मिलते थे, हालांकि पिछले कुछ वर्षो से इसमें बदलाव हुआ है।”
धौनी ने अभी तक अपने सफर को भी साझा किया। उन्होंने कहा, “मैं अपनी जिंदगी में किसी चीज पर पछताता नहीं हूं। कई अच्छी चीजें मेरे साथ हुई हैं। मेरे लिए यह सफर उतार चढ़ाव भरा रहा है।” उन्होंने कहा, “जब मैंने शुरुआत की थी तो कई सीनियर खिलाड़ी साथ में थे और जब वो सभी चले गए तो हमें यह सुनिश्चित करना था कि माहौल जैसा है वैसा बना रहे। कुल मिलाकर यह वो सफर था जिसका मैंने पूरी तरह से आनंद लिया और जिससे मेरे चेहरे पर मुस्कान आई।”
खेल-कूद
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।
भारतीय पारी
पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।
लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।
इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर मिचेल मार्श की गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कमिंंस की गेंद पर दूसरी स्लिप में खड़े स्टीव स्मिथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्षित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।
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