प्रादेशिक
अमर सिंह दीपक सिंघल फोन वार्ता की जाँच बंद
लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा अमर सिंह और आईएएस अफसर दीपक सिंघल के बीच हुए तीन कथित फोन टेप की जांच कराये जाने के सम्बन्ध में भेजी गयी शिकायत की जाँच करने से इंकार कर दिया है।
आरटीआई में भेजी सूचना में नियुक्ति विभाग ने नूतन को बताया गया है कि 13 जून 2014 को उनके द्वारा इन दोनों के बातचीत के यू-ट्यूब पर प्रसारित ऑडियो टेप का विवरण नोट कर शिकायत की गयी थी और 26 फ़रवरी 2015 को भेजे शपथपत्र में पुनः उस यू-ट्यूब लिंक का उल्लेख किया गया था। सूचना में कहा गया है कि चूँकि उन्होंने यू-ट्यूब के अलावा वास्तविकता सिद्ध करने के लिए समुचित साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराये थे, अतः जाँच करने की आवश्यकता नहीं पायी गयी और जाँच बंद कर दी गयी।
नूतन ने कहा है कि यू-ट्यूब को आसानी से डाउनलोड कर जाँच की जा सकती थी और वह अपने आप में पर्याप्त साक्ष्य था पर दोषी अफसर को बचाने के लिए उसे जानबूझ कर दरकिनार किया गया।
दरअसल इन इन ऑडियो टेप में श्री सिंघल और अमर सिंह के बीच शुगर डील, गैस डील, एसईजेड के टेंडर डॉक्यूमेंट, भूमि आवंटन में मनमाफिक बदलाव, आईएएस संजीव शरण के साथ नॉएडा और ग्रेटर नॉएडा में हिस्सेदारी, तत्कालीन मुख्य सचिव पर बाहरी दवाब डलवाने और श्री सिंघल द्वारा आरडीए वाले देवेंदर कुमार को 96.5 लाख रुपये पहुँचाने जैसी बातें हैं।
संलग्न- आरटीआई में प्राप्त उत्तर
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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