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विधानसभा में जल्लीकट्टू विधेयक पेश किया जाएगा : तमिलनाडु राज्यपाल

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विधानसभा में जल्लीकट्टू विधेयक पेश किया जाएगा : तमिलनाडु राज्यपाल

चेन्नई | तमिलनाडु के राज्यपाल सी. एच. विद्यासागर राव ने सोमवार को कहा कि जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए जारी किए गए अध्यादेश के स्थान पर विधानसभा में तत्काल एक विधेयक पेश किया जाएगा। राव ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, “जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक स्थायी समाधान के तौर पर सदन में अध्यादेश के स्थान पर तत्काल एक विधयेक पेश किया जाएगा।”

जल्लीकट्टू के आयोजन पर सर्वोच्च न्यायलय के प्रतिबंध के खिलाफ 16 जनवरी से राज्य में छात्र और युवा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

राव ने कहा, “जल्लीकट्टू तमिलनाडु की प्राचीन परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है। यह ग्रामीण और कृषि संबंधी रीतियों से गहराई से जुड़ा है और तमिलनाडु के लोगों के लिए इसका विशेष धार्मिक महत्व है। जल्लीकट्टू (सांड़ों और बैलों की) देसी नस्लों के संरक्षण से भी जुड़ा है।”

राव ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के लिए केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने संवैधानिक रास्ता अपनाते हुए पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम (पीसीए), 1960 के इससे संबंधित प्रावधानों में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश जारी किया ताकि जल्लीकट्टू का आयोजन हो सके।

उन्होंने कहा, “मैं बेहद खुश हूं कि इसके परिणामस्वरूप तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया।”

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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