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बिजनेस

शेयर बाजार : आम बजट से तय होगी बाजार की चाल

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शेयर बाजार : आम बजट से तय होगी बाजार की चाल

मुंबई | आगामी सप्ताह वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 2017-18 का आम बजट पेश होने से बाजार का रुख तय होगा। इसके साथ ही आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रूझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतें बाजार का रुख तय करेंगी। आम बजट 2017-18 बुधवार यानी एक फरवरी को वित्त मंत्रालय अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश किया जाएगा। बजट से पहल मंगलवार यानी 31 जनवरी यानी बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। पहली बार रेल बजट को आम बजट के साथ ही प्रस्तुत किया जाएगा। इस बार बजट को पारंपरिक रूप से फरवरी के अंत में पेश करने के बजाए एक महीने पहले ही पेश किया जाएगा। बजट को पहले पेश करने का फैसला नए वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले खर्च और कर प्रस्तावों को पूरा करना है।

ऐसी उम्मीद है कि अरुण जेटली देश के आम करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए आयकर दरों में संशोधन कर सकते हैं। मौजूदा आयकर सीमा 2.5 लाख रुपये है और सरकार इसे बढ़ाकर चार लाख रुपये कर सकती है। नोटबंदी के फैसले के बाद यह पहला बजट है इसलिए इसमें नकदी रहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। कार्ड भुगतान पर छूट, कार्ड के जरिए टॉल बूथ पर छूट आदि। रिपोटरें के मुताबिक, आगामी बजट में रेलवे और रक्षा क्षेत्र में अधिक आवंटन की उम्मीदे हैं ताकि इससे पूंजीगत क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल सके।

अगले सप्ताह कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे पेश होने वाले है जिसमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक के तिमाही आंकड़े 30 जनवरी को घोषित किए जाएंगे। बजाज ऑटो, आईसीआईसीआई बैंक और ओएनजीसी के 31 जनवरी, आइशर मोटर्स के एक फरवरी, एसीसी के तीन फरवरी और डॉ. रेड्डीज के चार फरवरी को जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही स्वतंत्र वैश्विक एजेंसी मार्किट इकोनॉमिक्स देश के जनवरी महीने के मैन्युफैक्च रिंग क्षेत्र के मासिक सर्वेक्षण को भी जारी करेंगे।

इसके साथ ही सरकारी तेल कंपनियों के और वाहन कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजर रहेगी। अगले सप्ताह सरकारी तेल कंपनियों की मासिक ईंधन मूल्य समीक्षा होनी है। आमतौर पर अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार के रूझान के आधार पर महीने के मध्य में या अंत में ईंधन कीमतों की समीक्षा होती है।

अगले सप्ताह तेल कंपनियों की ईंधन कीमतों में संशोधन की वजह से विमानन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।

वैश्विक मोर्चे पर मार्किट इकोनॉमिक्स अमेरिका और यूरोक्षेत्र के जनवरी माह के मैन्युफैक्च रिंग क्षेत्र के प्रदर्शन के आधार पर मासिक सर्वेक्षण जारी करेगा। इसके साथ ही कैक्सिन चाइना जनरल मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के आंकड़े तीन फरवरी को जारी किए जाएंगे। फेडरल ओपन मार्किट कमिटी (एफओएमसी) दो दिवसीय बैठक के बाद मौद्रिक नीतिगत समीक्षा बैठक के नतीजे 21 जनवरी और एक फरवरी को जारी करेगा। फेडरल रिजर्व ने दिसंबर माह में 2016 में पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी औ यह संकेत दिए थे कि अगले साल भी दरें तेजी से बढ़ सकती हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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