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लाइफ स्टाइल

होली पर गुझिया खरीदने जा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान

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नई दिल्ली। होली के त्योहार में गुझिया खासतौर से मेहमानों को खिलाया जाता है, यह उत्तर भारत का विशेष रूप से मशहूर पकवान है, इसलिए होली का जश्न मनाने के लिए ताजा और बिना मिलावट वाला गुझिया लाइसेंस प्राप्त दुकान से ही खरीदें। वेबसाइट ‘फूड सेफ्टी हेल्पलाइन’ के संस्थापक सौरभ अरोड़ा ने गुझिया खरीदते समय ध्यान रखने योग्य ये बातें बताई हैं :

– कुछ मिठाई की दुकानें अपने गुझिया को ‘शुद्ध’ घी में तले गुझिया के रूप में प्रचारित करती हैं, जबकि यह मिलावटी वनस्पति (डालडा) या रिफाइन तेल में तला हुआ हो सकता है, इसलिए लाइसेंस प्राप्त विश्वसनीय दुकान से ही गुझिया खरीदें।

– गुझिया खरीदते समय यह भी ध्यान रखें कि दुकान स्वच्छता के मानक पर खरा उतरता है कि नहीं और उसे शोकेस के अंदर उचित तरीके से रखा गया है कि नहीं।

दुकानदार या दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी साफ कपड़े पहने होने चाहिए और गुझिया देते समय वे दस्ताने जरूर पहने होने चाहिए और उन्हें आंख, शरीर के विभिन्न हिस्सों को छूना या छींकना नहीं चाहिए।

– अगर आपको गुझिया घर पर बनाना है तो स्टार्च की मौजूदगी की जांच के लिए खोया की परख जरूर कर लें। खोए की थोड़ी सी मात्रा खरीदकर घर पर उसे पानी में उबाल लें और ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडिन मिला दें, अगर यह नीला पड़ जाता है तो फिर इसका मतलब यह कि स्टार्च के साथ मिलावटी खोया है।

– त्योहार के दिनों में खोए की भारी मांग के मद्देनजर कई विक्रेता पहले से ही खोया बनाकर रख लेते हैं, जबकि खोया एक निश्चित अवधि तक ही सुरक्षित रह सकता है और अगर इसे सही तापमान में उचित प्रकार से नहीं रखा गया है तो इसमें हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं, इसलिए खोए से अगर खराब, बासी महक आ रही है तो बिल्कुल नहीं खरीदें।

खोये को अंगूठे और उगंलियों के बीच मसलकर भी इसकी शुद्धता को परखा जा सकता है, अगर यह शुद्ध होगा तो मसलने से इसमें से तेल निकलेगा।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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