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पंजाब में एक दशक बाद कांग्रेस की वापसी, जानें कौन जीता और कौन हारा

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चंडीगढ़। कांग्रेस एक दशक बाद पंजाब की सत्ता में वापसी करने जा रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को हुई मतगणना में कांग्रेस को भारी बहुमत मिला है। 117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली है, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी 59 सीटों से कहीं अधिक है।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री प्रत्याशी अमरिंदर सिंह दो सीटों पर चुनाव लड़े थे, जिसमें से एक सीट पर उन्हें हार मिली है। हालांकि दूसरी सीट बचाने में वह सफल रहे हैं। अमरिंदर एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री की कमान संभाल सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरिंदर सिंह को फोन कर बधाई दी है।

अमरिंदर लांबी सीट पर निवर्तमान मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ उतरे थे, जहां उन्हें 22,770 मतों के अंतर से हार मिली। जबकि अमरिंदर सिंह पटियाला शहरी सीट से जीत गए हैं। उन्हें इस सीट से 72586 वोट मिले हैं।

राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी (आप) 20 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही है। जबकि उसने सरकार बनाने की उम्मीद पाल रखी थी। हालांकि लगातार दो कार्यकाल पूरा करने वाले शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन को तीसरे स्थान पर धकेल आप राज्य में मुख्य विपक्ष की भूमिका में आ गई है।

अकाली दल-भाजपा गठबंधन को 18 सीटें मिली हैं। भाजपा सिर्फ तीन सीटें जीत सकी है। इतना ही नहीं पंजाब की मौजूदा सरकार के 10 मंत्री चुनाव हार गए हैं, जिसमें भाजपा के चारों विधायक भी शामिल हैं।

मत प्रतिशत पर गौर करें तो कांग्रेस को सर्वाधिक 38.5 फीसदी वोट मिले हैं। अकाली दल 25.2 फीसदी के साथ दूसरे और आप 23.7 फीसदी वोट के साथ तीसरे स्थान पर है।

अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला 1,99,189 मतों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रजिंदर मोहन सिंह छिना को हराया है।

आज के ही दिन अपना 75वां जन्मदिन मना रहे अमरिंदर सिंह ने पार्टी की इस शानदार जीत पर कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता राज्य से नशाखोरी समाप्त करने की होगी। अमरिंदर ने कहा, “पंजाब के लोगों ने बहुत बड़ा जनादेश दिया है। हमारी प्राथमिकता पंजाब से नशाखोरी समाप्त करने की होगी। मैंने चार सप्ताह में ड्रग्स कारोबार को उखाड़ फेंकने की प्रतिबद्धता जताई है।”

उन्होंने क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर कोई वचनबद्धता नहीं जताई। अमरिंदर ने कहा, “इस पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी फैसला करेंगे। पार्टी नेतृत्व ही कैबिनेट में सभी मंत्रियों के चुनाव का फैसला करेगा।”

अमरिंदर के घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होने लगे हैं, जिसके मद्देनजर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है और साथ ही मेटल डिटेक्टर भी लगा दिए गए हैं।

राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हार स्वीकारते हुए कहा कि वह रविवार को इस्तीफा देंगे। देश के सबसे बुजुर्ग मुख्यमंत्री बादल (89) ने कहा, “मैं पंजाब के लोगों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे राज्य की सेवा करने का मौका दिया। मैं उन सभी चीजों से संतुष्ट हूं जो मैं कर सका। मैं किसी भी तरह की गलती के लिए माफी चाहता हूं।”

अकाली दल के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद सीट से 75271 वोट हासिल कर जीत गए हैं, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के भगवंत मान को 56771 वोट मिले हैं।

क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में कांग्रेस की जीत को पार्टी का पुनरुत्थान बताया है और अकाली दल के इस हश्र के लिए उसके अहंकार को जिम्मेदार ठहराया है। सिद्धू ने पिछले साल भाजपा का दामन छोडक़र कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। उन्होंने केजरीवाल की गलत मंशा का हवाला देते हुए कहा कि यह केजरीवाल के लिए बहुत बड़ी हार है।

पंजाब में जीत हासिल करने वाले प्रमुख राजनेता
कैप्टन अमरिंदर सिंह (कांग्रेस, पटियाला शहरी क्षेत्र), प्रकाश सिंह बादल (शिरोमणि अकाली दल, लंबी), सुखबीर सिंह बादल (शिअद, जलालाबाद), नवजोत सिंह सिद्धू (कांग्रेस, अमृतसर पूर्व), हरविंदर सिंह फुल्का (आम आदमी पार्टी, दाखा), मनप्रीत बादल (कांग्रेस, बठिंडा), अमरिंदर सिंह राजा (कांग्रेस, गिद्दरबाहा), परगट सिंह (कांग्रेस, जालंधर कैंट), सुखपाल सिंह खरा (आप, भोलाठ)।

प्रमुख पराजित राजनेता

भगवंत मान (आप, जलालाबाद), रवनीत सिंह बिट्ट (कांग्रेस, जलालाबाद), सुनील जाखड़ (कांग्रेस, अबोहर), राजिंदर कौर भट्टल (कांग्रेस, लेहरा), कैप्टन अमरिंदर सिंह (कांग्रेस, लंबी), उद्योगपति केवल ढिल्लों (कांग्रेस, बरनाला), आदर्श प्रताप सिंह कैरों (शिअद, पट्टी), तोता सिंह (शिअद, धरमकोट), जनरल (सेवानिवृत्त) जे.जे. सिंह (शिअद, पटियाला)।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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