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उत्तराखंड

उत्तराखंड में जीएसआई ने खोजा सोना

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बेंगलुरू। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कुछ हिस्सों में सोना मिश्रित तांबा खनिजकरण की व्यापक पैमाने पर खोज की है।

करेंट साइंस जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “आधार शैल तथा झरनों के तलछट से क्रमश: 475 पीपीबी (पार्ट्स पर बिलियन) तथा 1.42 पीपीएम (पार्ट्स पर बिलियन) सोने के नमूने इक_ा किए गए हैं।”

उत्तराखंड का ये हिस्से लेसर हिमालय के नाम से जाने जाते हैं, जो उत्तर की तरफ से मेन सेंट्रल थ्रस्ट तथा दक्षिण की तरफ से नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट के बीचोबीच स्थित हैं।

जीएसआई के वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड के लामेरी-कोटेश्वर इलाके से 355 नमूने एकत्रित किए। सोना तथा आधार धातु का लखनऊ के जीएसआई के केमिकल डिवीजन में विश्लेषण किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, “विभिन्न नमूनों के एक्स-रे अध्ययन में सोने के साथ-साथ चाल्कोपाइराइट, पाइराइट, स्फालेराइट तथा गैलेना होने के संकेत मिले। रुद्रप्रयाग इलाके में सोना पाए जाने की यह पहली घटना है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन इलाकों में सोना पाया गया है, वह रुद्रप्रयाग कस्बे के आसपास मंदाकिनी नदी घाटी में हैं।

जीएसआई के मुताबिक, मौजूदा वक्त में सोने का उत्पादन तीन खदानों -कर्नाटक के हुत्ती, ऊटी तथा हिराबुद्दनी में- होता है। इसके अलावा, राजस्थान के खेतरी तथा झारखंड के मोसाबनी, सिंहभूम तथा कुंद्रेकोचा में धातु सल्फाइड से उपोत्पाद (बाई-प्रोडक्ट) के रूप में सोने का उत्पादन होता है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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