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बिजनेस

विलय बाद एसबीआई का संचालन शुरू

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मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद शनिवार से एकीकृत बैंक के रूप में काम शुरू कर दिया।

एसबीआई में जिन पांच बैंकों का विलय हुआ, उनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय महिला बैंक का भी इसमें विलय हुआ है।

इस विलय के बाद एसबीआई संपत्ति के मामले में वैश्विक स्तर पर शीर्ष 50 बैंकों के समूह में शामिल हो गया है। एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने शनिवार को एक बयान में कहा, “हम एसबीआई बैंक में उपभोक्ताओं, कर्मचारियों और सहयोगी बैंकों व महिला बैंक के अन्य सभी घटकों का स्वागत करते हैं। बैंक एक तिमाही के भीतर संक्रमण प्रक्रिया पूरी कर लेगा।”

भट्टाचार्य ने कहा, “संयुक्त निकाय से उत्पादकता बढ़ेगी, भौगोलिक जोखिम समाप्त होंगे, संचालन क्षमता बढ़ेगी और संवर्धित उपभोक्ता खुशी सुनिश्चित करने के दौरान सभी पक्षों में सहयोग स्थापित होगा।” विलय के बाद बैंक का देशभर में कुल उपभोक्ता आधार 37 करोड़ हो गया है और शाखाओं की संख्या 24,000 और एटीएम की संख्या 59,000 हो गई है। विलय के बाद इस संयुक्त निकाय में जमा धनराशि 26 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।

बयान में कहा गया है, “बैंक अपने कुछ ब्रांचों को दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित कर अपने नेटवर्क को औचित्यपूर्व बनाएगा। इससे संचालन में सुधार करने और लाभ बढ़ाने में मदद मिलेगी। एसबीआई में सहयोगी बैंकों के कोष के जुडऩे से लागत काफी घटेगी और संचालन में सुधार होगा।” बैंक ने कहा कि विलय के बाद सहयोगी बैंकों के सभी उपभोक्ता अब एसबीआई द्वारा पेश की जा रहीं व्यापक डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का लाभ उठाएंगे।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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