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लाइफ स्टाइल

फेसबुक जल्द पेश करेगा ‘वर्कप्लेस’ एडीशन, नहीं खर्च होगा एक भी पैसा

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न्यूयार्क। दुनिया के अग्रणी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने अपने व्यावसायिक प्लेटफॉर्म ‘वर्कप्लेस’ का निशुल्क संस्करण शुरू करने की घोषणा की है। वर्कप्लेस, फेसबुक की व्यावसायिक मैसेजिंग सेवा है। कारोबार जगत में वर्कप्लेस का उपयोग एक तय समूह के भीतर संदेशों के आदान-प्रदान और फाइलों को साझा करने के लिए होता है।

मशहूर वैश्विक पत्रिका ‘फॉर्चून’ के अनुसार, फेसबुक ने पिछले वर्ष ही वर्कप्लेस का पेड वर्जन उतारा था और पिछले सप्ताह इसके निशुल्क संस्करण की घोषणा की गई।

फॉर्चून की रिपोर्ट में कहा गया है, “इस निशुल्क स्टैंडर्ड संस्करण में कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से या किसी समूह के भीतर वीडियो कॉलिंग, वॉइस कॉलिंग का उपयोग कर सकता है, वीडियो स्ट्रीम कर सकता है तथा एप्पल आईओएस या एंड्रॉयड उपकरण के जरिए किसी से चैट कर सकता है।”

फेसबुक अपनी व्यावसायिक सेवाओं में इजाफा करना चाह रही है। उदाहरण के लिए फेसबुक ने हाल ही में एक नया फीचर शुरू किया है, जो नौकरियों से संबंधित सूचनाएं पोस्ट करने की इजाजत देता है। फेसबुक का यह नया फीचर माइक्रोसॉफ्ट के लिंक्डइन से प्रतिस्पर्धा के चलते शुरू किया माना जा रहा है।

फेसबुक ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वर्कप्लेस का निशुल्क वर्जन कब तक बाजार में आ जाएगा। हालांकि फेसबुक का कहना है कि यह जल्द ही आएगा और उम्मीद व्यक्त की है कि वर्कप्लेस सभी से जुड़ पाएगा और उनसे भी जो सोशल साइटों के इस्तेमाल के लिए मोबाइल का उपयोग करते हैं।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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